Move to Jagran APP

तिब्‍बत में चीन के दमन के बीच स्‍थानीय सोशल मीडिया को लगे नए पंख, ड्रेगन को होगी परेशानी

तिब्‍बत में चीन की कारगुजारी किसी से छिपी नहीं है। समय समय पर इसकी खबरें अंतरराष्‍ट्रीय मीडिया में भी आती हैं। लेकिन अब इस दमनचक्र के बीच तिब्‍बत में स्‍थानीय स्‍तर पर सोशल मीडिया काफी बढ़ गया है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 03:19 PM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 03:19 PM (IST)
तिब्‍बत में चीन के दमन के बीच स्‍थानीय सोशल मीडिया को लगे नए पंख, ड्रेगन को होगी परेशानी
चीन की ज्‍यादतियों के बीच तिब्‍बत में बढ़ रहा है सोशल मीडिया

ताइपे (ताइवान) (एएनआई)। तिब्‍बत में जैसे-जैसे चीन की सरकार का शिकंजा कड़ा होता जा रहा है, वैसे-वैसे ही वहां की स्‍थानीय सोशल मीडिया तेजी पकड़ता दिखाई दे रहा है, जो चीन के लिए चिंता का सबब बनता जा रहा है। स्‍थानीय मीडिया लगातार चीन की तरफ से लगाई जा रही पाबंदियों को प्रसारित कर रहा है। स्‍थानीय मीडिया के उभरने से यहां के लोगों को अपनी आवाज उठाने का भी एक अहम जरिया मिल गया है। 

prime article banner

चाइनीज कम्‍यूनिस्‍ट पार्टी (सीसीपी) ने इसको रोकने के लिए इंटरनेट पर प्रसारित होने वाली खबरों पर सेंसरशिप लागू करने का भी तरीका निकाल लिया है। इसके लिए चीन ने इंटरनेट का उपयोग करने वालों के लिए फेशियल रिकॉग्निशन और जीपीएस को जरूरी कर दिया है। इस तरह की कवायद न सिर्फ तिब्‍बत बल्कि पूर्वी तुर्कीस्‍तान (शिनजियांग) और दक्षिणी मंगोलिया, जिसको इनर मंगोलिया भी कहा जाता है, में की है।  

ताइवान की मीडिया का कहना है कि इस तरह की कवायद चीन की तरफ से डिजिटल प्‍लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाली खबरों पर नजर बनाए रखने के लिए की गई है। ताइवान की मीडिया का यहां तक कहना है कि चीन की कम्‍यूनिस्‍ट पार्टी की तरफ से सोशल मीडिया के जरिए झूठ फैलाने की भी कोशिश की जा रही है, जिसके निशाने पर अमेरिका है। इस बीच चीन ने मानवाधिकार ग्रुप्‍स द्वारा चलाई जा रही वेबसाइट्स को भी बंद करवा दिया है।

इस तरह की वेबसाइट पर सरकार की कलई खोलने का काम किया जा रहा था। एएनआई के मुताबिक चीन की कम्‍यूनिस्‍ट सरकार के इशारे पर तिब्‍बत में कोरोना की अफवाह फैलाने के आरोप में दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इतना ही नहीं जुलाई में तिब्‍बत के दो लोगों को सात साल और तीन साल की सजा भी सुनाई गई है। खास बात ये है कि इन्‍हें बिना किसी मुकदमे के दोषी करार दिया गया है। इनका अपराध था कि उन्‍होंने दलाई लामा की प्रशंसा में गाना बनाया था। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.
OK