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Quad Summit: क्‍वॉड देशों के संकल्‍प और एकता से तिलमिलाया चीन, भारत और जापान पर निकाली भड़ास, जानें क्‍या कहा

Quad Summit क्‍वॉड देशों की बैठक के बाद चीन को जबरदस्‍त म‍िर्ची लगी है। चीन का सरकारी भोंपू ग्‍लोबल टाइम्‍स ने कहा है कि क्‍वॉड का तंत्र भारत को एक इंच भी चीनी क्षेत्र पर कब्‍जा करने में मदद नहीं कर सकता।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sat, 13 Mar 2021 03:25 PM (IST)Updated: Sun, 14 Mar 2021 08:57 AM (IST)
Quad Summit: क्‍वॉड देशों के संकल्‍प और एकता से तिलमिलाया चीन, भारत और जापान पर निकाली भड़ास, जानें क्‍या कहा
क्‍वॉड सम्‍मेलन के बाद चीन ने भारत और जापान पर निकाला भड़ास। फाइल फोटो।

बीजिंग, ऑनलाइन डेस्‍क। Quad Summit : क्‍वॉड देशों की बैठक पर चीन को जबरदस्‍त म‍िर्ची लगी है। चीन का सरकारी भोंपू ग्‍लोबल टाइम्‍स ने इस पर अपनी जबरदस्‍त प्रतिक्रिया दी है। ग्‍लोबल टाइम्‍स ने क्‍वॉड देशों की निंदा करते हुए कहा है कि इस संगठन का मकसद अमेरिकी हितों को सहेजना और उसकी सुरक्षा करना है। ग्‍लोबल टाइम्‍स  के संपादक शिजिन ने भारत पर निशाना साधा है। उन्‍होंने ट्वीट कर‍के कहा है कि क्‍वॉड का तंत्र भारत को चीन की जमीन पर एक इंच भी कब्‍जा करने में मददगार नहीं होगा। शिजिन ने लिखा है कि क्‍वॉड अपने मकसद में कभी सफल नहीं हो सकता है। उन्‍होंने कहा कि चीन तटरक्षकों एवं उसके जहाजों को दिआओयू द्वीप समूह की जलसीमा में प्रवेश से कोई नहीं रोक सकता है। बता दें कि अमेरिका, भारत, ऑस्‍टेलिया और जापान के नेताओं ने शुक्रवार को क्‍वॉड की पहली वर्चुअल बैठक में हिस्‍सा लिया। क्‍वॉड की इस ऐतिहासिक बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन, ऑस्‍टेलिया के प्रधानमंत्री स्‍कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सूगा  शामिल हुए।

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क्‍वॉड बैठक के पूर्व बेचैन था चीन, दी थी अपनी सधी प्रतिक्रिया

हालांकि, क्‍वॉड बैठक के शुरू होने के पूर्व ही चीन ने इस पर अपनी सधी हुई प्रतिक्रिया दी थी। चीन ने अपने एक बयान में कहा था कि इसका मकसद सदस्‍य देशों के बीच आपसी सहयोग और समझ को बढ़ावा देने वाला होना चाहिए। इसका लक्ष्‍य किसी तीसरे पक्ष को निशाना बनाने के लिए नहीं होना चाहिए। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता झाओ लिजियान ने कहा कि क्‍वॉड सदस्‍य देशों का मकसद तीसरे पक्ष को नुकसान पहुंचाए बिना आपसी हितों को साधना चाहिए। उन्‍होंने कहा था कि क्‍वॉड सदस्‍य देशों से उम्‍मीद की जाती है कि वह खुलेपन और समावेशी सिद्धांत पर कायम रहेंगे। वह ऐसा सकारात्‍मक कार्य करेंगे जो क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के हित में हो। उन्‍होंने कहा इस बैठक में किसी तीसरे पक्ष को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए।

राष्‍ट्रपति बाइडन ने चीन का नाम लिए बगैर उसे सचेत किया

क्‍वॉड की प्रथम बैठक में अमेरिका ने अपने इरादे साफ कर दिए थे। अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने दो टूक कहा कि हिंद प्रशांत क्षेत्र मुक्‍त और खुला क्षेत्र होगा। उन्‍होंने चीन का नाम लिए बगैर कहा कि इस क्षेत्र की स्थिरता कायम रखना क्‍वॉड देशों की सर्वोच्‍च प्राथमिकता है। बाइडन ने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्‍यों और हिंद प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता के लिए अपने सहयोगियों और साझेदारों के साथ संयुक्‍त रूप से काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। बाइडन ने सदस्‍य देशों को भरोसा दिलाया कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के लिए क्‍वॉड एक महत्‍वपूर्ण मंच बनने जा रहा है। बाइडन का यह बयान चीन को अखर गया। बता दें कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में दिआओयू द्वीप समूह पर जापान और चीन के बीच विवाद है। चीन इस द्वीप को अपना कहता है और इस पर आधिपत्‍य के लिए बेचैन है।


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