जीन में बदलाव कर शिशुओं के जन्म का चीन में ही क्यों हो रहा विरोध, जानें
जीन में बदलाव कर शिशुओं के जन्म की तकनीक का चीन में ही विरोध शुरू हो गया है। चीन के कई वैज्ञानिकों ने इसे अनैतिक और मूर्खतापूर्ण करार दिया है।
शंघाई, रायटर। जीन में बदलाव कर शिशुओं के जन्म की तकनीक का चीन में ही विरोध शुरू हो गया है। चीन के कई वैज्ञानिकों ने इसे अनैतिक और मूर्खतापूर्ण करार दिया है। चीन के एक वैज्ञानिक ने भ्रूण के जीन में बदलाव कर दो जुड़वा बहनों के जन्म का दावा किया है। इस तरीके से पैदा होने वाले ये पहले बच्चे बताए गए हैं। इनका जन्म इसी महीने हुआ है।
ऑनलाइन जारी एक खुले पत्र में 100 से ज्यादा वैज्ञानिकों ने कहा है कि मानव भ्रूण के जीन में बदलाव करने की तकनीक क्रिस्पर-केस9 का उपयोग खतरनाक और अनुचित है। इससे चीन में बायोमेडिकल समुदाय की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है। पत्र में कहा गया है, 'यह तथाकथित शोध महज शोहरत बटोरने के लिए किया गया है। सीधे मानव प्रयोग के इस कदम को सिर्फ मूर्खतापूर्ण करार दिया जा सकता है।'
चीनी वेबसाइट द पेपर के अनुसार, इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले फूदन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर यांग झेनगेंग ने कहा कि जीन एडिटिंग बेहद खतरनाक है। जबकि, जीन एडिटिंग के बाद शिशुओं के जन्म का दावा करने वाले वैज्ञानिक ही जियानकुई ने एक वीडियो पोस्ट में कहा कि उन्होंने शिशुओं को एचआइवी जैसे संक्रमणों से बचाने के लिए यह प्रयोग किया था।
योग ने दिया जांच का आदेश
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने सोमवार को कहा कि इस मामले को लेकर वह बेहद चिंतित है। प्रांतीय स्वास्थ्य अधिकारियों को तुरंत जांच कर मामले को स्पष्ट करने का आदेश दिया गया है।