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हांगकांग में कैमरे से शिक्षकों पर नजर रखने की तैयारी, लोकतंत्र समर्थकों पर चीन कस रहा शिकंजा

चीन ने इस तरह के कृत्यों को रोकने के लिए हांगकांग में पिछले साल राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया था। इस कदम की दुनियाभर में आलोचना हुई और यह चिंता जताई गई कि इसकी आड़ में चीन इस क्षेत्र पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 06:14 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 06:14 PM (IST)
हांगकांग में कैमरे से शिक्षकों पर नजर रखने की तैयारी, लोकतंत्र समर्थकों पर चीन कस रहा शिकंजा
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की फाइल फोटो

हांगकांग, एएनआइ। हांगकांग में चीन के सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत लोकतंत्र समर्थकों पर और शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है। चीन समर्थक सांसदों ने शुक्रवार को शिक्षकों की निगरानी के लिए स्कूलों की कक्षाओं में कैमरे लगाने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने दलील दी कि इससे शिक्षकों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी कि वे कक्षाओं में क्या बोलते हैं। अगर वे अलगाववादी या सरकार विरोधी बातें करते हैं तो कैमरे से पकड़ में आ सकती है।

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कक्षाओं में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का प्रस्ताव

साउथ चाइना मार्निग पोस्ट अखबार के अनुसार, चीन के नियंत्रण वाले हांगकांग की मुख्य कार्यकारी कैरी लैम के सलाहकार टॉमी चेउंग यू-यान ने यह प्रस्ताव दिया है कि कक्षाओं में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। उन्होंने कहा, 'कैमरों की मदद से स्कूलों में पढ़ाई पर नजर रखी जा सकती है। अगर कोई मासूम छात्रों को भड़का रहा है तो इसके साक्ष्य भी मिल सकते हैं।'

हांगकांग में 2019 में चीन विरोधी आंदोलन भड़का था

जबकि शिक्षा मंत्री केविन युआंग यून-हंग ने बताया कि वर्ष 2019 की अशांति के बाद सरकार स्कूलों में सुधार पर गौर कर रही है। हांगकांग में 2019 में चीन विरोधी आंदोलन भड़का था। लोकतंत्र समर्थक छात्रों, शिक्षकों और लोगों ने सड़कों पर लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन किया था।

चीन में पिछले साल लागू किया गया था राष्ट्रीय सुरक्षा कानून

चीन ने इस तरह के कृत्यों को रोकने के लिए हांगकांग में पिछले साल राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया था। इस कदम की दुनियाभर में आलोचना हुई और यह चिंता जताई गई कि इसकी आड़ में चीन इस क्षेत्र पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है। वह हांगकांग की स्वायत्तता और नागरिक अधिकारों को बनाए रखने के अपने वादे को तोड़ रहा है। वर्ष 1997 में ब्रिटेन ने चीन को इस शर्त के साथ हांगकांग सौंपा था कि वह इसकी स्वायत्तता और नागरिक अधिकारों को बनाए रखेगा।


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