उइगर पत्नियों से मिलने को तरस रहे पाकिस्तानी पुरुष, चीन नहीं दे रहा बच्चों से बात करने की इजाजत
एक पाकिस्तानी व्यापारी इकबाल ने दावा किया कि पिछले साल मार्च में चीनी अधिकारियों उसकी पत्नी और बच्चों को अपने साथ ले गए।
हॉन्ग कॉन्ग (एएनआइ)। चीनी सरकार शिंजियांग प्रांत में रहने वाले उइगर समुदाय पर काफी समय से अत्याचार कर रही है। चीनी सरकार ने शिंजियांग में इस्लाम धर्म को मानने वाले उइगर समुदाय के लोगों पर धार्मिक तरीके से हिंसात्मक कार्रवाई कर रही है।
चीन-पाकिस्तान सीमा के काराकोरम राजमार्ग पर चीन के शिंजियांग प्रांत में रहने वाले पाकिस्तानी व्यापारियों के समूह अपनी उइगर पत्नियों को विदा करते हैं, जो चीन के उइधुर में ठंड तक रहती है। इसके बाद वसंत में वे फिर वापस अा जाती है। इस दौरान लोग फोन पर अपने परिवार के साथ संपर्क में रहते हैं। हालांकि पिछले साल से वे अपनी पत्नी तथा बच्चों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। दक्षिण चीन मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी पुरुषों और उनके परिवारों कि उइगर पत्नियां अचानक गायब हो जा रही है। इस क्षेत्र के उइगर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को इस्लामी आतंकवाद के डर से पाकिस्तान की सीमा को छोड़कर भागना पड़ रहा है।
एक पाकिस्तानी व्यापारी इकबाल ने दावा किया कि पिछले साल मार्च में चीनी अधिकारियों उसकी पत्नी और बच्चों को अपने साथ ले गए। इकबाल ने कहा कि उसे पाकिस्तान की सीमा से शिंजियांग में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई। उसने कहा कि चीनी अधिकारियों ने जोर दिया कि उसकी पत्नी ट्रेनिंग में व्यस्त है और उसके बच्चे सुरक्षित है।
उसने बताया कि चीनी अधिकारियों ने उसे उसकी बेटियों से बात करने की भी इजाजत नहीं दी। गिलगित-बल्तिस्तान (जीबी) विधानसभा के सदस्य जावेद हुसैन के मुताबिक, इकबाल प्रांत के दर्जनों व्यापारियों में से एक है जो वीजा के कारण पाकिस्तान वापस लौटा हैं या अपने व्यवसाय चलाने के लिए और वो अब अपने उइगर परिवारों से संपर्क करने में असमर्थ हैं, जो चीन में रह रहे हैं। चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा, 'दोनों पक्ष दोनों देशों के लोगों के बीच बातचीत से संबंधित समस्याओं के बारे में संचार बनाए रखते हैं, जबकि पाकिस्तान ने कहा कि इस मुद्दे पर चीन की सरकार के साथ सक्रिय रूप से चर्चा हो रही है।'
उइगर महिलाओं का विवाह गिलगित-बल्तिस्तान के पुरुषों से हुआ है, उनमें से ज्यादातर जो ख़ुंजराब दर्रा के माध्यम से व्यापारिक गतिविधियों से जुड़े हुए हैं, जो एकमात्र पाकिस्तान और चीन से जुड़ने वाला भूमि मार्ग है। यह पाक अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र और चीन द्वारा नियंत्रित शिंजियांग प्रान्त के बीच स्थित है। क्षेत्रीय व्यवस्थापकों ने जोर दिया है कि गिलगित-बल्तिस्तान और शिंजियांग के बीच अंतर जातिय विवाह का इतिहास दशकों पुराना है और दोनों सीमावर्ती क्षेत्रों के बीच बहुत करीबी सांस्कृतिक संबंध हैं।
उन्होंने पूर्व तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (इटीआइएम) को दोषी ठहराया है, जो कथित तौर पर प्रांत में आतंकी हमलों की साजिश रचने के लिए जिम्मेदार हैं। माना जाता है कि इटीआइएम के पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सक्रिय आतंकवादियों के साथ संबंध हैं।
जीबी क्षेत्र एक बड़े पैमाने पर आर्थिक सहयोग समझौते का प्रवेश द्वार है, जिसे इस्लामाबाद और बीजिंग द्वारा शुरू किया गया चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीइसी) कहा जाता है। 62 अरब अमेरिकी डॉलर के आर्थिक गलियारे का निर्माण पाकिस्तान में सड़कों, रेल, बिजली संयंत्रों और आर्थिक मुक्त क्षेत्रों के निर्माण के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। वर्तमान में पाकिस्तान में हजारों चीनी सीपीइसी परियोजना पर काम कर रहे हैं। जब यह गलियारा बन कर तैयार हो जाएगा, ये पाकिस्तान के ग्वादर को चीन के शिंजियांग क्षेत्र से सीधा जोड़ने का काम करेगा। इससे चीन को अंतरराष्ट्रीय बाजार में सुरक्षित और कम समय में व्यापार पहुंच प्रदान करेगा।