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जम्‍मू-कश्‍मीर को लेकर अब पाक ने लगाई चीन से गुहार, भारतीय राजदूत ने दिया मुंहतोड़ जवाब, आप भी पढ़ें

पाकिस्‍तान ने अपने अजीज मित्र चीन से जम्‍मू-कश्‍मीर में तत्‍काल जरूरी कार्रवाई की गुहार लगाई है। इस पर चीन स्थित भारतीय दूतावास ने पाकिस्‍तान को करारा जवाब दिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 05:14 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 05:18 PM (IST)
जम्‍मू-कश्‍मीर को लेकर अब पाक ने लगाई चीन से गुहार, भारतीय राजदूत ने दिया मुंहतोड़ जवाब, आप भी पढ़ें
जम्‍मू-कश्‍मीर को लेकर अब पाक ने लगाई चीन से गुहार, भारतीय राजदूत ने दिया मुंहतोड़ जवाब, आप भी पढ़ें

बीजिंग, एएनआइ। चीनी मुखपत्र ग्‍लोबल टाइम्‍स में पाकिस्‍तान के राजदूत मोइन-उल-हक ने एक लेख के जरिए जम्‍मू-कश्‍मीर का राग अलापा है। पाकिस्‍तान ने अपने अजीज मित्र चीन से जम्‍मू-कश्‍मीर में तत्‍काल जरूरी कार्रवाई की गुहार लगाई है। इस पर चीन स्थित भारतीय दूतावास ने पाकिस्‍तान को करारा जवाब दिया है। भारतीय राजदूत ने बयान जारी कर कहा है कि कश्‍मीर में मानवाधिकारों की दुहाई देने वाले पाकिस्‍तानी राजदूत मोइन-उल-हक को पहले अपने गिरेबां में झांककर देख लेना चाहिए कि कैसे पाकिस्‍तानी सेना अपने कब्‍जे वाले इलाकों में बेगुनाह लोगों पर जल्‍म ढाती है।

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दरअसल, अनुच्‍छेद 370 को खत्‍म किए जाने के एक साल पूरे होने और जम्‍मू-कश्‍मीर में कोई बड़ी घटना नहीं होने से पाकिस्‍तानी हुक्‍मरानों में बौखलाहट का आलम है। चूंकि पाकिस्‍तानी सेना भी आतंकियों की घुसपैठ कराने में नाकाम साबित हो रही है। पाकिस्‍तान में बैठे आतंकी सरगना भारतीय सुरक्षा बलों के एक्‍शन से विवश हैं। सुरक्षा बलों की कार्रवाई से आतंकियों की कमर टूट चुकी है। अंतरराष्‍ट्रीय बिरादरी ने भी जम्‍मू-कश्‍मीर के मसले पर पाकिस्‍तान की आवाजों को अनसुना कर दिया है। ऐसे में पाकिस्‍तान अब चीन से कार्रवाई की गुहार लगा रहा है।

मोइन-उल-हक को करारा जवाब देते हुए भारतीय राजदूत ने कहा है कि जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 को हटाया जाना भारत का अंदरूनी मामला है और पाकिस्‍तान समेत किसी भी दूसरे देश को भारत के अंदरूनी मामले में दखल देने का कोई भी अधिकार नहीं है। अनुच्‍छेद 370 को खत्‍म किए शांतिपूर्ण एक साल हो चुके हैं। ऐसे में मोइन-उल-हक की बेचैनी अप्रत्‍याशित नहीं है। जम्‍मू-कश्‍मीर के लोगों के हितों की प्रभावी संरक्षा के लिए भारत का यह कदम जरूरी था। इससे राज्‍य में स्‍वास्‍थ्‍य और शिक्षा के इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर और मौकों में बढ़ोतरी हुई है।

बीते दिनों भी बौखलाहट में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सऊदी अरब को धमकी दे डाली थी। शाह ने कहा था कि कश्मीर मुद्दे पर सऊदी अरब ने आर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज (ओआइसी) के विदेश मंत्रियों की आपात बैठक नहीं बुलाई तो पाकिस्तान खुद यह बैठक बुला सकता है। इसके बाद सऊदी अरब ने पाकिस्तान को उधार में तेल देना बंद कर दिया है। सऊदी अरब के एक्‍शन से पाकिस्‍तान की बोलती बंद हो गई है। वह गिड़गिड़ा रहा है लेकिन सऊदी अरब अब उस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। अब सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा सऊदी अरब जाने वाले हैं।  


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