Covid-19 in China: चीन में एक बार फिर कोरोना के मामले बढ़ रहे, आर्थिक प्रगति में बन सकते हैं रोड़ा
चीन में कोविड-19 के नए मामले दुनिया की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए एक बार फिर से मुश्किल साबित हो सकते हैं। अन्हुई प्रांत में आए 52 नए मामले बताते हैं कि यह चीन की प्रगति में एक बड़ी रुकावट हैं।
बीजिंग, एएनआइ। चीन में सोमवार को कोविड-19 के 69 नए मामले सामने आए हैं। कोविड के इन नए मामलों में 52 अन्हुई प्रांत से हैं। कोविड-19 के बढ़ते मामलों की सूचना मंगलवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने दी। वहीं सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्वी चीन के अन्हुई प्रांत में 52 नए मामलों के अलावा 179 मामले बगैर लक्षण के भी पाए गए।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बताया कि सभी नए मामले सुजौ शहर के सिक्सियन जिले में पाए गए। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के मुताबिक, सोमवार तक कोवड से ठीक हो चुके 34 लोगों को अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद ठीक हुए मरीजों की रिकवरी लगभग 220,199 हो गई है। वहीं, दुनिया की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए कोविड ने चिंताएं बढ़ा दी हैं।
शंघाई ने चार महीने के सख्त लाकडाउन के बाद पिछले एक हफ्ते में शून्य कोविड प्रसार का दावा किया है। इतनी सख्ती के बावजूद चीन में कोविड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। रविवार को चीन ने 41 नए कोविड मामलों की सूचना दी जिनमे से 29 अन्हुई प्रांत से भी हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के मुताबिक, रविवार को स्वस्थ हो चुके 50 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। वहीं, 26 जून से 4 जुलाई के बीच 186 नए मामले दर्ज किए गए थे, और 895 बगैर लक्षण के लोगों की पहचान की गई। वहीं कोविड-19 के दो नए मामले वुहान शहर में आए थे जहां कोविड का असर पहली बार देखने को मिला था। बावजूद चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पिछले हफ्ते वुहान पहुंचकर कोविड की शून्य नीति पर जोर दिया।
बीजिंग में कोविड के नए मामलों के चलते लाखों लोगों को अनिवार्य रूप से परीक्षण कराना पड़ रहा है। जाहिर है कि लम्बे लाकडाउन के बाद एक बार फिर से हजारों लोग लाकडाउन का सामना कर रहे हैं। बढ़ते लाकडाउन और परीक्षण प्रक्रियाओं के चलते 2022 की पहली छमाही में चीनी निवासियों के आजीविका पर बुरा असर पड़ा है।
शून्य कोविड नीति के चलते भी आर्थिक स्थितियां प्रभावित हुई हैं। वित्त मंत्रालय के अनुसार, व्यवसायों के कर वापसी के चलते अप्रैल तक राजकोषीय राजस्व 4.8 फीसद तक गिर गया।