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North Korea's leader Kim Jong-un- बचपन से ही तानाशाह था किम जोंग, पढ़ें कैसे हुई तानाशाही की शुरूआत

नार्थ कोरिया नेता किम जोंग उन को बचपन से ही तानाशाह और बिगड़ैल स्वभाव का मान जाता रहा है। जब उनके पास सत्ता आ गई तो उन्होंने कई खतरनाक परीक्षण किए।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Mon, 17 Jun 2019 05:41 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jun 2019 05:41 PM (IST)
North Korea's leader Kim Jong-un- बचपन से ही तानाशाह था किम जोंग, पढ़ें कैसे हुई तानाशाही की शुरूआत
North Korea's leader Kim Jong-un- बचपन से ही तानाशाह था किम जोंग, पढ़ें कैसे हुई तानाशाही की शुरूआत

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। नार्थ कोरिया नेता किम जोंग उन बचपन से ही तानाशाह और बिगडैल स्वभाव का रहा है। उसके इस स्वभाव के लिए उसके परिवार के लोग भी कुछ हद तक जिम्मेदार है। परिवार की ओर से मात्र 7 साल की उम्र में ही उसकी हर जरूरत को पूरा किया जाता रहा। उसने यदि कोई गलती भी की तो उसे भी माफ किया जाता रहा। किम जोंग को जो चीज पसंद नहीं आती थी वो उसके साथ तुरंत बुरा बर्ताव करता था। उसे दूसरे लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करने की सीख ही नहीं दी गई जिसकी वजह से उसका मन बढ़ता चला ग या और वो खूंखार तानाशाह बन गया।

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किम जोंग के बारे में जानने वाले बताते हैं कि जब वो छोटा था और कार चलाने के योग्य नहीं था तो उसकी जिद पर कार को उसके हिसाब से मोडिफाई करवा दिया गया जिससे वो उसे चला सके। दूसरों पर रौब दिखाने के लिए ११ साल की उम्र में उसे पिस्तौल थमा दी गई। इस पिस्तौल से वो दूसरों पर रौब झाड़ता और उनको डराता धमकाता था। किम जोंग के मन में बचपन से ही राज करने की प्रवत्ति देखने को मिली। वो कमजोर बच्चों को अक्सर मारता था, यदि कोई उसका कहना नहीं मानता था तो वो उसके साथ बुरा व्यवहार करता था।

किम जोंग का जन्म, स्वंयभू तानाशाह

किम जोंग उन का जन्म 8 जनवरी 1983 को हुआ था। वो उत्तरी कोरिया के सर्वोच्च नेता हैं। वे किम जोंग इल (1941–2011) के पुत्र हैं और किम सुंग (1912–1994) का पोता है। इसने 28 दिसम्बर 2011 को अपने आपको तानाशाह बना लिया और उसकी आधिकारिक घोषणा भी कर दी। तानाशाह बन जाने के बाद किम जोंग ने कई परीक्षण किए, उसके इस परीक्षणों की पूरे विश्व में चर्चा हुई। कुछ परमाणु परीक्षण किए जाने पर अमेरिका सहित अन्य देशों ने चिंता भी जाहिर की।

शुरूआती जीवन और शिक्षा

किम के प्रारंभिक जीवन से जुड़ी जानकारियां केवल उत्तर कोरिया के उन लोगों के द्वारा ही मिली है, जिन लोगों ने उसे विदेशों में देखा है। स्विट्ज़रलैंड के विद्यालय में किम के द्वारा पढ़ने की घटना। उत्तर कोरिया के विभाग वाले किम के जन्म की तारीख 8 जनवरी 1982 बताते हैं। जबकि दक्षिण कोरिया के आधिकारिक विभाग इसे और बाद में बताते हैं। डेनिस रॉडमन ने कहा कि उसका जन्म 8 जनवरी 1983 को हुआ था और वे किम से सितम्बर 2013 को मिले थे। यह अपने तीन भाइयों में से दूसरा है। जबकि जापानी समाचार-पत्र में सबसे पहले प्रकाशित हुई एक सूचना के अनुसार किम ने स्विट्ज़रलैंड के ही एक विद्यालय में पढ़ाई की थी। वह उस विद्यालय में "चोल-पक" या "पक-चोल" नाम से प्रसिद्ध रहा है। वो 1993 से लेकर 1998 तक था। जो एक शर्मीले लड़के व बास्केटबाल प्रेमी के रूप में वहाँ पढ़ाई कर रहा था। किम को 12 साल की उम्र में स्विटजरलैंड में रहने के लिए भेजा गया था, "पुडिंग बाउल हेयरकट" के साथ, जहां उन्होंने बर्न शहर के पास एक अंग्रेजी भाषा संस्थान - लिबेफेल्ड स्टीनहोलज़ली स्कूल में पढ़ाई की। उसे एक नकली नाम दिया गया। पाक अन और वह अपने माता-पिता को योंग सुक और उसके पति के साथ रहता था, ये दोनों लोग उसके माता-पिता होने का ढोंग करते थे। किताब में बताया गया है कि तानाशाह किम जोंग ने अकादमिक रूप से संघर्ष किया, प्रतिस्पर्धी था।

जर्मन सुनते ही भड़क जाता था किम जोंग

यदि उसके साथ पढ़ने वाला कोई छात्र जर्मन बोलता था तो किम जोंग उसको लात मार देता था। बुरा बर्ताव करने के लिए वो उनके ऊपर थूक भी देता था जिससे वो लड़का दुबारा से उसके सामने जर्मन न बोले, चूंकि शुरू से ही किम जोंग का पाला जर्मन बोलने वालों से पड़ा इस वजह से वो हर जर्मन को अपना दुश्मन ही मानता रहा। जब वो पूरी तरह से तानाशाह हो गया तो उसके मन से बदला लेने की भावना तो कभी गई ही नहीं। एक विदेशी अखबार ने तो यहां तक लिखा है कि स्कूल में उसे तानाशाह का नाम दे दिया गया, चूंकि वो बातें एकदम तानाशाही वाला करता था, इस वजह से जल्द ही ये नाम प्रचलित हो गया। एक बार जब किम जोंग प्रसिद्ध हो गया तो भला उसको कौन रोकता। यही कारण रहा कि उसकी उस समय की हासिल की गई तानाशाह की पदवी आज भी बरकरार है बल्कि अब वो और भी क्रुर हो चुका है।

द सीक्रेट राइज एंड रूल ऑफ किम जोंग

उत्तर कोरियाई नेता, द ग्रेट सक्सेसर: द सीक्रेट राइज एंड रूल ऑफ किम जोंग उन की जीवनी में लिखती हैं कि उनके पिता किम जोंग-इल ने सात साल के बच्चे को कार चलाने के लिए सक्षम करने के लिए कार को संशोधित किया था। उनके 8 वें जन्मदिन की पार्टी में अन्य बच्चों ने भाग नहीं लिया, लेकिन इसमें किम को काले रंग के कपड़े पहनाए गए और उच्च स्तर के उत्तर कोरियाई अधिकारियों ने उन्हें फूलों के गुलदस्ते भेंट किए। किताब में लिखी एक घटना में दावा किया गया है कि उसने एक जापानी शेफ को सिर्फ इसलिए झकझोर दिया क्योंकि वह उत्तर कोरिया का नहीं था। केनजी फुजीमोतो ने भविष्य के तानाशाह से मुलाकात की, जो केवल छह साल की उम्र के बावजूद एक सैन्य वर्दी पहने हुए थे। दावा करते हैं कि किम ने "तेज आंखों" से उन्हें चमकते हुए अपना हाथ मिलाने से इनकार कर दिया। महाराज का मानना ​​है कि बच्चा "आप घृणित जापानी" को देख रहा था जो उसने उसे दिया था।

भाई की हत्या कराने का शक 

किम जोंग बच्चे के रूप में एक घमंडी लड़का था। वो उन लोगों से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया करता था जो उत्तर कोरिया के मूल निवासी नहीं होते थे। किशोर किम शिकागो बुल्स की जर्सी में खेलता है। उन्होंने इटली में, फ्रांस के दक्षिण में और पेरिस में यूरो डिज्नी पर जाकर छुट्टियों का आनंद लेते हुए यूरोप घूमने के लिए एक नकली ब्राजीलियन पासपोर्ट का इस्तेमाल किया। सुश्री फिफिल्ड ने खुलासा किया कि सौतेले भाई जोंग-नाम ने सीआईए के लिए मुखबिर के रूप में काम किया था, इससे पहले कि वह किम जोंग की हत्या करवां दे। उन्होंने अपनी नई पुस्तक में दावा किया है कि किम जोंग-उन ने अपने सौतेले भाई को संभावित खतरे के रूप में देख लिया था। मलेशिया में कुआलालंपुर हवाई अड्डे पर उड़ान की प्रतीक्षा कर रहे वीएक्स नर्व एजेंट के साथ उनका सामना करने के बाद उनकी मृत्यु हो गई।  

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