नए तरीके से डॉक्टरों को COVID-19 के मरीज का पता लगाने में मिलेगी मदद
डेविड स्मिथ के मुताबिक सक्रिय रूप से संक्रमित लोगों के इलाज में एंटीबॉडी टेस्ट महत्वपूर्ण हो सकता है लेकिन परिणाम की व्याख्या सावधानीपूर्वक करने की जरूरत है।
बीजिंग, प्रेट्र। वैज्ञानिकों ने मानव रक्त में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी के लिए एक त्वरित और संवेदनशील परीक्षण का तरीका विकसित किया है। यह डॉक्टरों को कोविड-19 के मरीज का पता लगाने में मदद कर सकता है। साथ ही उन संदिग्ध मामलों की पुष्टि कर सकता है, जिसमें अन्य तरीकों से रिपोर्ट निगेटिव आती है। शोधकर्ताओं ने कहा कि कोविड-19 के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक होते हैं। कुछ लोगों में तो स्पष्ट रूप से कोई लक्षण नहीं होता है। कुछ बिंदु पर तो सार्स-सीओवी-2 वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या पुष्ट मामलों की संख्या की तुलना में बहुत अधिक होती है। हालांकि, इस पर अधिक शोध किए जाने की आवश्यकता है।
एनालिटिकल केमिस्ट्री में प्रकाशित शोध के अनुसार, संभव है कि एंटीबॉडी वाले लोग भविष्य में कोविड-19 के प्रकोप से अपनी प्रतिरक्षा कर सकते हैं। सार्ससीओवी-2 के वर्तमान या पूर्व में संक्रमित व्यक्ति की पहचान के लिए शोधकर्ता एक तेज, संवेदनशील एंटीबॉडी परीक्षण विकसित करना चाहते थे। इन शोधकर्ताओं में चीन के दक्षिणी मेडिकल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक भी शामिल थे। शोधकर्ताओं ने कहा कि प्रतिरक्षा निदान रोगी की रिकवरी की निगरानी कर सकता है। पिछले संक्रमण का अध्ययन कर सकता है और उच्च स्तर की एंटीबॉडी वाले व्यक्तियों की पहचान कर सकता है।
वायरस से लड़ता है एंटीबॉडी : जब वायरस हमारे शरीर में प्रवेश करता है तो इम्यून सिस्टम उससे लड़ने लिए एंटीबॉडी बनाता है। टेस्ट किट वायरस के अवयवों का इस्तेमाल कर एंटीबॉडी की मौजूदगी का पता लगाते है। जांच आमतौर पर दो प्रकार की होती हैं। पहला- लैब टेस्ट, जिसमें लगभग दिन भर का समय लगता है। दूसरा है- प्वॉइंट ऑफ केयर टेस्ट, जिसके परिणाम 15 से 30 मिनट में मिल जाते हैं। अमेरिका की प्रीमियर बायोटेक तथा चीन की ऑटोबायो डायग्नॉस्टिक्स समेत कई कंपनियां पॉइंट ऑफ केयर किट्स उपलब्ध कराती हैं, जो पता लगाता है कि व्यक्ति में वायरस था या नहीं। लेकिन इस जांच से वायरस है या नहीं- इसका सटीक पता नहीं चलता।
इसलिए सक्रिय संक्रमण के इलाज में इसका सीमित उपयोग है। लेकिन अमेरिका तथा ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में इसका इस्तेमाल संदिग्ध संक्रमितों का पता लगाने में होता है। अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने सक्रिय कोरोना की जांच के लिए इस विधि के इस्तेमाल को अधिकृत किया है। यूनिर्विसटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया, पर्थ के क्लीनिकल वायरोलॉजिस्ट डेविड स्मिथ के मुताबिक, सक्रिय रूप से संक्रमित लोगों के इलाज में एंटीबॉडी टेस्ट महत्वपूर्ण हो सकता है लेकिन परिणाम की व्याख्या सावधानीपूर्वक करने की जरूरत है।