जानिए चीन में कोरोना से किस इंडस्ट्री को हुआ सबसे अधिक 500 बिलियन युआन का नुकसान
कोरोना वायरस ने चीन की तमाम इंडस्ट्रीज को बुरी तरह से प्रभावित किया है। होटल पर्यटन सीफूड मार्केट आदि बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।
नई दिल्ली। चीन में कोरोना वायरस की चपेट में आकर जहां एक ओर लोगों की मौत हो रही है वहीं इस वायरस ने चीन की अर्थ व्यवस्था को भी काफी प्रभावित किया है। सबसे अधिक चीन का खानपान का क्षेत्र इससे प्रभावित हुआ है। कई रेस्तरां बंद हो गए हैं। ग्लोबर टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, चीन में रेस्तरां बंद होने से राजस्व में कुल नुकसान 500 बिलियन युआन ($ 71.74 बिलियन) तक पहुंच चुका है।
पर्यटन उद्योग ठप्प, कंपनियां बंद
पर्यटन उद्योग ठप्प है, कई बड़ी कंपनियों में उत्पादन बंद है। जहां चीनी नववर्ष में यहां काफी रौनक रहती थी और हजारों की संख्या में लोग इसमें शामिल होने के लिए खासतौर से चीन पहुंचते थे, इस बार ऐसा कुछ नहीं हो सका। कोरोना के चलते चीनी नव वर्ष का आयोजन भी स्थगित कर दिया गया।
वायरस को रोकने पर हो रहा बड़ा खर्च
मीडिया में आ रही रिपोर्ट के अनुसार, चीन की अर्थव्यवस्था को हो रहे नुकसान की एक बड़ी वजह वायरस को फैलने से रोकने के लिए होने वाला खर्चा भी है। वुहान शहर से बाहर जाने को लेकर पूरी तरह प्रतिबंध लगा हुआ है। वुहान में एक करोड़ से ज्यादा की आबादी है। हुबेई प्रांत के अन्य हिस्सों में भी ये लॉकडाउन कर दिया गया है। यहां कारोबार संबंधी यात्राओं, सामान और लोगों की आवाजाही पर रोक लगी हुई है। ऐसे में रेस्टोरेंट्स, सिनेमा हॉल, परिवहन, होटलों और दुकानों पर इसका असर दिख रहा है।
बिजनेस इंडस्ट्री को नुकसान
चीन में नया साल शुरू होने से ठीक पहले कोरोना वायरस फैलने से बिजनेस इंडस्ट्री को भी नुकसान पहुंचा है। कोरोना के चलते ही चीन में नए साल की छुट्टियां भी बढ़ा दी गई थीं जिससे कई बिजनेस में काम शुरू होने में देरी हुई है। फैक्ट्रियों में काम शुरू नहीं हो पाने से उत्पादन और बिक्री में कमी आई है और कंपनियों के पास नकदी नहीं आ रही है। इसका सबसे ज़्यादा असर छोटे कारोबारों पर भी पड़ा है, जबकि कंपनियों के कुछ खर्चे ऐसे हैं जो उन्हें पहले की तरह ही करने हैं जैसे वो बिलों का भुगतान कर रही हैं और कर्मचारियों को वेतन दे रही हैं।
चीन से बाहर भी नुकसान
ऐसा नहीं है कि चीन को सिर्फ चीन के अंदर ही नुकसान हो रहा है। इंडस्ट्री वालों को बाहर भी नुकसान हो रहा है। चीन के सामानों की उनके देश ही नहीं, बल्कि बाहर भी मांग रहती है इन दिनों ये दोनों ही बंद हो गई है। ऐसे में नुकसान बढ़ता जा रहा है। विदेशों में लोग चीन में बना समान खरीदने से बच रहे हैं।
कई बड़ी कंपनियों ने जैसे फर्नीचर कंपनी आइकिया, स्टारबक्स ने अपना ऑपरेशन चीन में बंद कर दिया है। एयर लाइन्स, होटल और अन्य काम भी पूरी तरह से बंद पड़े हैं। कई एयरलाइन्स ने भी अपनी फ्लाइट्स रद्द कर दी हैं और इंटरनेशनल होटल ग्राहकों का एडवांस पैसा वापस लौटा रहे हैं।
मोटर इंडस्ट्री और इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार
जनवरी माह में ही साउथ कोरिया की कंपनी हयूंडई ने अपनी कार का प्रोडक्शन कुछ वक्त के लिए बंद कर दिया है क्योंकि चीन से कार के पार्ट्स सप्लाई नहीं हो पा रहे हैं। मोटर इंडस्ट्री और इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री में चीन एक ग्लोबल सप्लायर है। फिलहाल इनसे नुकसान हुआ है। इसके अलावा कई मोबाइल और कंप्यूटर कंपनियों के पार्ट्स चीन में बनते हैं, कोरोना के बाद वो भी बंद पड़े हैं।
जल्द राहत मिलने के आसार नहीं
चीन की अर्थव्यवस्था पर नजर रखने वाले तमाम अर्थशास्त्री अब ये कह रहे हैं कि लगभग एक माह से चीन में कोरोना वायरस का कहर दिख रहा है। अभी इस पर जल्द काबू पाने के हालात नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में चीन की अर्थव्यवस्था पर काफी असर पड़ना तय है। अभी इस पर रोक के लिए काम किया जा रहा है। उसके बाद जब इस पर काबू पा लिया जाएगा तो भी कई महीनों के बाद हालात सामान्य हो पाएंगे। जो लोग आम दिनों में काफी जल्दी-जल्दी चीन की यात्रा कर रहे थे, अब वो वहां जाने से पहले एक बार जरूर सोचेंगे।
दुनिया भर में रहती है चीनी सामानों की डिमांड
स्थिति को सामान्य होने में काफी समय लग जाएगा। तब तक चीन की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ना तय है। पूरी दुनिया में चीन में बनने वाले तमाम तरह के सामानों की हमेशा ही डिमांड रहती है, वो भी इन दिनों बंद पड़ी है। ऐसा माहौल हो गया है कि न तो लोग चीन जाना चाह रहे हैं ना ही वहां से कोई सामान मंगाना चाह रहे हैं। कई लोगों ने तो अपने जो ऑर्डर पहले ही कर रखे थे उन्होंने वो भी कैंसल कर दिए हैं।