कनाडा में चीन के खिलाफ भारतीय, तिब्बती और उइगरों मुसलमानों का प्रदर्शन
कनाडा में रहने वाले तिब्बती प्रवासियों उइगर और भारतीयों ने वैंवकूर में चीनी वाणिज्य दूतावास के बाहर बीजिंग के खिलाफ प्रदर्शन किया।
वैंकूवर, एजेंसियां। कनाडा में रहने वाले तिब्बती प्रवासियों, उइगर और भारतीयों ने वैंवकूर में चीनी वाणिज्य दूतावास के बाहर बीजिंग के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी मास्क पहने हुए थे और 'चाइना अगेंस्ट डेमोक्रेसी और 'बैक ऑफ चाइना' जैसे नारे लगा रहे थे। सूत्रों के मुताबिक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के अत्याचार के खिलाफ रविवार को तीनों समुदाय पहली बार एक साथ आए।
प्रदर्शन में जिन संगठनों ने भाग लिया, उनमें कनाडा तिब्बत समिति, फ्रेंडस ऑफ कनाडा एंड इंडिया आर्गनाइजेशन, वैंकूवर सोसाइटी ऑफ फ्रीडम, डेमोक्रेसी एंड ह्यूमन राइट्स इन इंडिया और वैंकूवर उइगर एसोसिएशन ने भाग लिया। कोरोना को देखते हुए प्रत्येक संगठन के सिर्फ 50 कार्यकर्ताओं को प्रदर्शन में भाग लेने की इजाजत दी गई थी।
इसी बीच, द रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से आग्रह किया कि वे विशेष रूप से हांगकांग से गुजरने चीनी एयरलाइंस में यात्रा नहीं करें। बता दें कि वैंकूवर स्थित 'फ्रेंडस ऑफ इंडिया' संगठन से जुड़े प्रदर्शनकारी इससे पहले चार जुलाई को यहां वाणिज्य दूतावास के बाहर एकत्र हुए थे और दो कनाडाई नागरिक को छोड़ने की मांग की।
दरअसल चीन अपने यहां उइगर मुसलमानों पर अत्याचार करता है। उनको मस्जिद में अरबी में नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं है इसके अलावा अन्य कई चीजें हैं जिसका पालन इस्लाम धर्म में किए जाने की परंपरा है मगर वो चीन में कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार ने बैन कर रखा है। चीन अपने यहां रहने वाले मुसलमानों को उनके हिसाब से धर्म का पालन भी नहीं करने देता है। यदि कोई विरोध करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है।
चीन का मुसलमानों पर अत्याचार का आलम ये है कि उनकी मस्जिदों में गुंबद नहीं दिखता है, सरकार जिस तरह से चाहती है मस्जिद को भी वैसे ही रूप देती है। शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों की संख्या सबसे अधिक है। यहां पर जनसंख्या कंट्रोल करने के लिए भी चीनी प्रशासन ने नियम लागू कर रखे हैं। उइगर मुसलमानों पर जुल्म के संबंध में कई बार इसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी उठाया गया है मगर उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।