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भारतीय दूतावास ने दी चीनी ड्राइवर को भावपूर्ण विदाई, सुखद भविष्य की कामना

बीजिंग स्थित भारतीय राजदूत विक्रम मिसरी ने दूतावास में लंबे समय से काम करने वाले चीनी ड्राइवर यू चांगजिंग को भावपूर्ण विदाई दी। यू विदेश मंत्री एस जयशंकर सहित छह राजदूतों के ड्राइवर रहे हैं। दूतावास ने यू के सुखद भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दीं।

By Nitin AroraEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 05:46 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 05:46 PM (IST)
भारतीय दूतावास ने दी चीनी ड्राइवर को भावपूर्ण विदाई, सुखद भविष्य की कामना
भारतीय दूतावास ने दी चीनी ड्राइवर को भावपूर्ण विदाई।

बीजिंग, एएनआइ। चीन से जारी तनाव के बीच भारत ने एक बार फिर सद्भावना और भाईचारे की मिसाल पेश की है। शनिवार को बीजिंग स्थित भारतीय राजदूत विक्रम मिसरी ने दूतावास में लंबे समय से काम करने वाले चीनी ड्राइवर यू चांगजिंग को भावपूर्ण विदाई दी। बता दें कि यू विदेश मंत्री एस जयशंकर सहित छह राजदूतों के ड्राइवर रहे हैं।

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भारतीय दूतावास ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा, 'राजदूत विक्रम मिसरी और उनकी पत्नी डॉली मिसरी ने शनिवार सुबह बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास में लंबे समय से काम कर रहे चीनी कर्मचारी यू चांगजिंग को विदाई दी।' दूतावास ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, 'वर्ष 1992 से यू दूतावास के लिए काम कर रहे हैं। वह एन मेनन राव, एस जयशंकर, अशोक कांथा, विजय गोखले, जी बंबावले और विक्रम मिसरी के ड्राइवर रहे हैं।' दूतावास ने यू द्वारा दी गई सेवाओं के लिए ना केवल उन्हें धन्यवाद दिया है बल्कि उनके सुखद भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दीं। बता दें कि भारत और चीन मई के शुरुआती दिनों में पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध में आमने सामने हैं, जिसने द्विपक्षीय संबंधों को काफी तनावपूर्ण बना दिया है।

दोनों देशों के बीच स्थिति को पहले जैसे ठीक करने को लेकर अगले हफ्ते भारत और चीन कोर कमांडर स्तर की अगले दौर की वार्ता होने वाली है। पाकिस्तान की भांति चीन भी भारत से लगती सीमा पर नापाक साजिश की तैयारी करता रहा है और इसे लेकर कई बार दोनों सेनाएं आमने-सामने आ चुकी है। वहीं, चीन की साजिशों से सचेत भारतीय सेना भी पूरी तरह तैयार है। चीन के साथ तनाव के बीच भारतीय सेना लद्दाख में किसी भी तरह की ढील नहीं देना चाह रही है। इस वजह से इस बार सर्दियों के मौसम में भी लद्दाख में अपनी तैनाती बरकरार रखेगी। भारतीय सेना वहां की दुर्गम परिस्थितियों में सर्दियां बिताने की पूरी तैयारी कर रही है। इसके लिए खच्चरों से लेकर बड़े विमानों तक, सेना ने वहां मौजूद हजारों सैनिकों तक रसद पहुंचाने के लिए अपने पूरे लॉजिस्टिक्स तंत्र को सक्रिय कर दिया है।

भारत और चीन दोनों पक्षों ने कूटनीतिक और सैन्य स्तर की वार्ता की एक श्रृंखला आयोजित की है, लेकिन अब तक सैनिकों की वापसी को लेकर कोई एकराय नहीं बन पाई है। इसको लेकर भारत-चीन के बीच अगली सैन्य वार्ता अगले हफ्ते होने वाली है।


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