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हॉटलाइन से जुड़ेंगी भारत और चीन की सेनाएं

मोदी-चिनफिंग की अनौपचारिक वार्ता का परिणाम, सीमा पर तनाव कम करने और दोस्ती बढ़ाने के होंगे प्रयास

By Jagran News NetworkEdited By: Published: Wed, 02 May 2018 06:31 PM (IST)Updated: Wed, 02 May 2018 06:31 PM (IST)
हॉटलाइन से जुड़ेंगी भारत और चीन की सेनाएं
हॉटलाइन से जुड़ेंगी भारत और चीन की सेनाएं

बीजिंग, प्रेट्र/आइएएनएस : इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच अनौपचारिक वार्ता का परिणाम कहा जाएगा कि भारत और चीन की सेनाएं आपस में हॉटलाइन के जरिये जुड़ने को तैयार हो गई हैं। दोनों देशों के सेना मुख्यालय हॉटलाइन से जुड़ेंगे। यह प्रस्ताव बहुत समय से लंबित था। मोदी और चिनफिंग के बीच पिछले हफ्ते चीन के वुहान शहर में वार्ता हुई थी। चीन के विदेश मंत्रालय ने भी कहा है कि वह भारत के साथ मिलकर काम करने का इच्छुक है। वह भारत के साथ नए स्तर पर संबंध विकसित करना चाहता है।

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मोदी और चिनफिंग की दो दिन की अनौपचारिक मुलाकात से भारत-चीन संबंधों में कई बदलाव होने की उम्मीद जगी है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार दोनों देशों की सेनाएं आपस में हॉटलाइन के जरिये जुड़ने के लिए तैयार हैं। इससे सीमा की किसी हलचल या वहां पर पैदा होने वाली गलतफहमी से जल्द निपटा जा सकेगा। इससे आपसी समझ विकसित होगी और परस्पर विश्वास बढ़ेगा। इसके अतिरिक्त दोनों देशों के नेताओं ने अपनी सेनाओं को विश्वास बढ़ाने वाले उपायों को अंजाम देने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत सीमा पर गैरजरूरी तरीके से सैनिकों की संख्या नहीं बढ़ाई जाएगी और न ही अतिरिक्त हथियारों की तैनाती की जाएगी। दोनों देशों ने पिछले साल हुए 73 दिन के डोकलाम विवाद को पीछे छोड़ते हुए आगे बढ़ने की इच्छा जताई है। उल्लेखनीय है कि दोनों देश करीब चार हजार किलोमीटर लंबी सीमा से एक-दूसरे से जुड़ते हैं। अभी तक भारत और पाकिस्तान की सेनाएं ही हॉटलाइन के जरिये एक-दूसरे से जुड़ी हैं।

भारत के साथ काम करने का इच्छुक है चीन : चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत और चीन नए स्तर पर जाकर अपने संबंध विकसित करने को तैयार हैं। यह सहमति दोनों देशों के शीर्ष नेताओं की हाल में वुहान में हुई अनौपचारिक बातचीत में बनी है। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनिइंग ने कहा कि यह अपनी तरह की खास मुलाकात थी। इसमें चीन ने भारत के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई। आपसी हित के मामलों में एक-दूसरे के सहयोग से आगे बढ़ने पर सहमति जताई गई। इसके लिए सीमा पर शांति और दोस्ताना रिश्तों को जरूरी माना गया। राष्ट्रपति चिनफिंग और प्रधानमंत्री मोदी ने दोस्ती के माहौल में अपने विचारों का आदान-प्रदान किया। अंतरराष्ट्रीय माहौल पर चर्चा की।


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