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India China Border Tension: जनरल VK सिंह की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देने से चीन का इन्कार

चीन ने पूर्व भारतीय सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा था कि गलवन में झड़प के दौरान 40 से अधिक चीनी सैनिक मारे गए थे।

By TaniskEdited By: Published: Mon, 22 Jun 2020 04:38 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jun 2020 04:38 PM (IST)
India China Border Tension: जनरल VK सिंह की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देने से चीन का इन्कार
India China Border Tension: जनरल VK सिंह की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देने से चीन का इन्कार

बीजिंग, पीटीआइ। चीन ने सोमवार को केंद्रीय मंत्री और पूर्व भारतीय सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देने से इन्कार कर दिया। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसके पास  मुद्दे पर साझा करने के लिए कोई जानकारी नहीं है। गौरतलब है कि पूर्व भारतीय सेना प्रमुख ने कहा था कि पूर्वी लद्दाख में गलवन में हिंसक झड़प के दौरान 40 से अधिक चीनी सैनिक मारे गए थे। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान दोहराया कि चीन और भारत राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से जमीन पर स्थिति को हल करने के लिए एक दूसरे के साथ बातचीत कर रहे हैं।

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समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार जब चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से पूर्व सेना प्रमुख के बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनके पास इसे लेकर बताने के लिए कोई जानकारी नहीं है। भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गलवन घाटी में 15 जून को हुई झड़प के बाद से चीन लगातार हताहतों के विवरण का खुलासा करने से इन्कार करता रहा है। हालांकि, उसके आधिकारिक मीडिया ने कहा है कि चीनी पक्ष को झड़प में भारी नुकसान पहुंचा है। 

दोनों पक्षों में लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता

वर्तमान भारत-चीन सीमा गतिरोध पर टिप्पणी करते हुए, सिंह ने शनिवार को एक समाचार चैनल से कहा, 'हमने 20 सैनिकों को खोया, लेकिन चीनी पक्ष के दोगुने से अधिक जवान मारे गए। इस बीच, भारत और चीन ने सोमवार को पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों के बीच तनाव को कम करने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता का एक और दौर आयोजित किया है। नई दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता का पहला दौर 6 जून को आयोजित किया गया था। इस दौरान दोनों पक्षों ने सभी संवेदनशील क्षेत्रों से पीछे हटने का फैसला किया था। 


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