रंग लाया चौतरफा दबाव, चीन ने कहा- सीमा के अधिकतर स्थानों से सैनिक हो चुके हैं वापस
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि ज्यादातर स्थानों से सैनिक वापस जा चुके हैं और अब स्थिति सामान्य हो रही है।
बीजिंग, प्रेट्र। चीन और भारत के अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने सीमा पर ज्यादातर स्थानों पर पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी कर ली है तथा जमीनी स्तर पर तनाव घट रहा है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने मंगलवार को पत्रकारों के एक सवाल का जवाब देते हुए यह बात कही। उनसे पूछा गया था कि क्या पूर्वी लद्दाख के गलवन, गोगरा और हॉट स्पि्रंग इलाके से भारत और चीन के सैनिक पूरी तरह पीछे हट गए हैं।
चीन और भारत ने सैन्य और कूटनीतिक चैनलों के जरिये की गहन बातचीत
पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि चीन और भारत ने हाल में सैन्य और कूटनीतिक चैनलों के जरिये गहन बातचीत की है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर स्थानों से सैनिक वापस जा चुके हैं और अब स्थिति सामान्य हो रही है। हालांकि, नई दिल्ली में भारत सरकार के सूत्रों ने बताया कि यह बयान सही नहीं है।
वांग ने कहा कि हमने कमांडर स्तर की चार दौर की बातचीत की है। परामर्श और समन्वय के लिए कार्यकारी तंत्र की तीन बार बैठक हो चुकी है। अब हम बाकी बचे मुद्दों के समाधान पर विचार-विमर्श के लिए कमांडर स्तर की बातचीत के पांचवें दौर की तैयारी कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि सीमावर्ती इलाकों में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए भारत चीन के साथ उन मुद्दों पर मिलकर काम करेगा, जिन पर सहमति बन चुकी है। यह पूछे जाने पर कि कमांडर स्तर की अगली बैठक कब होगी, वांग ने कहा कि सही समय पर इसकी सूचना दे दी जाएगी।
बाकी बचे मुद्दों के समाधान के लिए कमांडर स्तर की बातचीत का होगा पांचवां दौर
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में सैनिकों को शीघ्र एवं पूरी तरह से हटाने पर सहमत हुए हैं। जल्द ही और अधिक सैन्य वार्ता हो सकती है, ताकि सैनिकों को शीघ्रता से पूरी तरह से पीछे हटाने तथा तनाव कम करने के लिए और भी कदम उठाया जा सके। भारत ने चीन से सैनिकों को हटाने पर दोनों पक्षों के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के बीच बनी सहमति का गंभीरता से क्रियान्वयन करने को भी कहा है।
छह जुलाई से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया शुरू
पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनाव घटाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने पांच जुलाई को टेलीफोन पर करीब दो घंटे बातचीत की थी। डोभाल और वांग के बीच हुई बातचीत के बाद भारत और चीन दोनों देशों ने छह जुलाई से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया शुरू की थी।