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पुलवामा आतंकी हमले के बाद चीन के अटपटे बोल, जानें - क्‍या कहा ड्रैगन ने

जब भारत पुलवामा आतंकी हमले के घाव को भरने में जुटा है। इसे लेकर भारत और पाकिस्‍तान के बीच युद्ध जैसे हालात हैं। ऐसे में चीनी विदेश मंत्री के इस बयान का कई कूटनीतिक निहितार्थ हैं।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 08 Mar 2019 01:51 PM (IST)Updated: Fri, 08 Mar 2019 03:11 PM (IST)
पुलवामा आतंकी हमले के बाद चीन के अटपटे बोल, जानें - क्‍या कहा ड्रैगन ने
पुलवामा आतंकी हमले के बाद चीन के अटपटे बोल, जानें - क्‍या कहा ड्रैगन ने

बीजिंग [ एजेंसी ] । चीन ने कहा कि भारत-चीन की आर्थिक उन्‍नति के लिए दोनों देशों को मिलकर काम करना चाहिए। चीन के विदेश मंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है, जब भारत पुलवामा आतंकी हमले के घाव को भरने में जुटा है। इसे लेकर भारत और पाकिस्‍तान के बीच युद्ध जैसे हालात हैं। ऐसे में चीनी विदेश मंत्री के इस बयान का कई कूटनीतिक निहितार्थ हैं। हालांकि, अभी इस मामले में भारत सरकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन कूटनीतिक हलके में इसके कई मायने बताए जा रहे हैं।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने शुक्रवार को कहा कि 'दोनों देश को अपनी-अपनी अर्थव्‍यवस्‍थाओं को आगे बढ़ाने के लिए एक साथ सपने देखने चाहिए।' उन्‍होंने कहा कि इस बाबत भारत और चीन को एक दूसरे को महत्‍वपूर्ण अवसर प्रदान करना चाहिए। चीनी विदेश मंत्री ने कहा हमें एशियाई क्षेत्र के पुनरोद्धार और समृद्धि के लिए सामुहिक योगदान देना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि इस मामले में चीन और भारत एक दूसरे के साझेदार बन सकते हैं। वांग ने कहा भारत और चीन दोनों पड़ोसी राष्‍ट्र और प्राचीन सभ्‍यता वाले देश हैं। दोनों मुल्‍कों की आबादी 2.7 बीलियन  है। उन्‍होंने कहा कि भारत और चीन के बीच सहयोग की अनंत संभावनाएं और अवसर मौजूद हैं।

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भारत-पाकिस्‍तान के बीच उपजे तनाव पर चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि हम उम्‍मीद करते हैं कि दोनों देश अपने संकट को अवसर में तब्‍दील कर देंगे। भारत-पाकिस्‍तान के बीच उपजे तनाव के बीच चीनी भूमिका के ऊपर पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्‍होंने कहा कि भारत के प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्‍ट्रपति शी के बीच पिछले साल हुए वुहान शिखर सम्‍मेलन की भावना का हम सम्‍मान करते हैं।   
चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि हम दोनों पक्षों को यह सलाह देते हैं कि वह सीमा पर उपजे तनाव को खत्‍म करें। उन्‍होंने कहा कि दोनों देश अपने संबंधों में संबंधों में मौलिक और दीर्घकालिक सुधार करें। वांग ने कहा कि किसी समस्‍या का हल टकराव से नहीं बातचीत से निकलता है। उन्‍होंने कहा कि हाल की घटनाओं ने दोनों देशों के संबंधों ने अतंरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर लोगों का ध्‍यान खींचा है। वांग ने कहा कि चीन ने दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव को कम करने के लिए रचनात्मक भूमिका निभाई है। चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि चीन ने शुरुआत से दोनों मुल्‍कों को संयम बरतने की जरूरत पर जोर दिया था। 
दरअसल, पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama terrorist attack) के बाद चीन का खास पाकिस्‍तान पूरी दुनिया में अलग-थलग पड़ चुका है। अतंरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर भारत ने पाकिस्‍तान पर आतंकी कैंपों को बंद करने के लिए अपना कूटनीतिक अभियान छेड़ रखा है। इस घटना के बाद अमेरिका और फ्रांस ने भारत को आत्‍मरक्षा के कदम उठाने के प्रस्‍ताव का समर्थन किया है। ऐसे में आर्थिक विकास के नाम पर चीन ने इशारे ही इशारे में भारत को शांति की अपील की है। उसने पाकिस्‍तान को नसीहत देने के बजाए भारत के आर्थिक विकास की बात करके शांति का संदेश दे रहा है।
बता दें कि संयुक्‍त राष्‍ट्र समेत तमाम अतंरराष्‍ट्रीय मंचों पर पाकिस्‍तान का पक्ष लेने वाला चीन आज भारत से आर्थिक उत्‍थान की दुहाई देता नजर आ रहा है। वह खुलकर पाकिस्‍तान की निंदा नहीं कर पा रहा है। पुलवामा आतंकी हमले के बाद चीन का रुख पाकिस्‍तान के पक्ष में दिखा। उसने आतंकी हमले की निंदा तो जरूर की लेकिन जैश ए मुहम्‍मद को आतंकी संगठन मानने से इंकार कर दिया था।


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