वैश्विक अर्थव्यवस्था में पिछले 80 वर्षों की सबसे बड़ी गिरावट लेकिन चीन की आर्थिक सेहत रहेगी चुस्त दुरुस्त
कोरोना महामारी ने दुनिया के तमाम मुल्कों की आर्थिक सेहत को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया है। हालांकि हैरानी की बात यह है कि जिस चीन के वुहान शहर से यह महामारी दुनियाभर में फैली उसकी आर्थिक सेहत के और चुस्त दुरुस्त होने के संकेत मिल रहे हैं।
नई दिल्ली, एजेंसियां। विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund, IMF) ने शुक्रवार को एक संयुक्त बयान में कहा कि कोरोना के कारण उपजे हालात के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था में पिछले 80 वर्षों की सबसे बड़ी गिरावट आई है। इसका दुनिया के सभी देशों पर बुरा असर पड़ेगा। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, इन संस्थानों ने कहा कि इकोनॉमी में बड़े स्तर पर सिकुड़न के चलते गरीबी की दर में वृद्धि होनी तय है। वहीं ब्लूमबर्ग ने अनुमान जताया है कि तमाम दुश्वारियों के बावजूद चीन की आर्थिक सेहत पर आने वाले वर्षों में चुस्त दुरुस्त रहेगी।
विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा है कि कोरोना संकट के चलते व्यापार में कमी और नौकरियों की संख्या में गिरावट की वजह से असमानता की स्थिति पहले से और अधिक बढ़ेगी। वहीं आइएमएफ के आंकड़ों के हवाले से ब्लूमबर्ग (Bloomberg) ने अपने आकलन में कहा है कि हैरानी की बात यह है कि जिस चीन के वुहान शहर से यह महामारी दुनियाभर में फैली उसकी आर्थिक सेहत मजबूत होती जाएगी। यही नहीं आने वाले वर्षों में चीन विकासदर के मामले में अमेरिका को भी पीछे छोड़ देगा।
ब्लूमबर्ग (Bloomberg) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना महामारी वैश्विक विकास में स्थायी बदलाव पैदा करेगी। दुनिया के बाकी मुल्कों की चाहे जो स्थिति हो लेकिन चीन विकासदर के मामले में और आगे बढ़ेगा। चीन से आने वाली विश्वव्यापी वृद्धि का अनुपात 2021 में 26.8 फीसद से बढ़कर 2025 में 27.7 फीसद हो जाने की उम्मीद है। ब्लूमबर्ग की इस रिपोर्ट से संकेत मिल रहा है कि अमेरिका को आने वाले दिनों में भी गंभीर आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
आंकड़े बताते हैं कि चीन की उक्त विकास दर अमेरिका से 15 और 17 फीसद ज्यादा है। भारत, जर्मनी और इंडोनेशिया के लिए आंकड़े सुकून देने वाले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत, जर्मनी और इंडोनेशिया अगले साल शीर्ष पांच सबसे बड़े विकास इंजनों में शामिल हैं। आईएमएफ का अनुमान है कि चीन अगले साल 8.2 फीसद की दर से बढ़ेगा। अमेरिका में 3.1 फीसद की वृद्धि की उम्मीद है जो कि साल 2021 में क्रय शक्ति के मामले में वैश्विक वृद्धि का 11.6 फीसद होगा। आईएमएफ ने कहा कि दो दशकों में पहली बार गरीबी तेजी से बढ़ रही है जो जीवन स्तर के लिए बड़ा झटका है।
आईएमएफ की शोध निदेशक गीता गोपीनाथ ने रिपोर्ट में लिखा है कि ऐसे में जब वैश्विक अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है फिर भी अनिश्चितता बनी रहेगी। कोरोना के चलते सबसे ज्यादा मौतों वाले पांच देशों अमेरिका, ब्राजील, भारत, मैक्सिको और ब्रिटेन में लगभग 1.8 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी घटने का अनुमान है। गरीब और गरीब होते जा रहे हैं और इस साल लगभग नौ करोड़ लोगों के गरीब होने का अनुमान है। सनद रहे जनवरी में कोरोना के फैलने से पहले आईएमएफ ने इस साल वैश्विक विकास दर के 3.3 फीसद और 2021 में 3.4 फीसद रहने का अनुमान जताया था।