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चीन की हिमायती हांगकांग सरकार ने ड्रैगन के थोपे सिक्‍योरिटी कानून को बताया सही, कहा- देता है आजादी

हांगकांग के चीन की वापसी को 23 वर्ष पूरे हो गए हैं। वहीं चीन की कम्‍यूनिस्‍ट पार्टी अपने 100 वर्ष पूरे होने का जश्‍न मना रही है। इस बीच हांगकांग के दूसरे नंबर के सबसे वरिष्‍ठ अधिकारी ने चीन के सिक्‍योरिटी लॉ को सही बताया है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 01 Jul 2021 10:45 AM (IST)Updated: Thu, 01 Jul 2021 10:45 AM (IST)
चीन की हिमायती हांगकांग सरकार ने ड्रैगन के थोपे सिक्‍योरिटी कानून को बताया सही, कहा- देता है आजादी
सिक्‍योरिटी कानून में सभी को मिली है पूरी आजादी

हांगकांग (एपी)। हांगकांग के चीफ सेक्रेट्री जॉन ली ने कहा है कि हांगकांग में लागू सिक्‍योरिटी लॉ यहां के लोगों को पूरी आजादी देता है। उन्‍होंने कहा कि प्रेस समेत यहां पर रहने वाले सभी लोगों को नियमों के दायरे में ही रहकर आजादी का सम्‍मान करना चाहिए और उसके मजे लेने चाहिए। ली ने ये भी कहा कि आने वाले समय में इस कानून का इस्‍तेमाल यहां की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा।

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उनका ये बयान ऐसे समय में आया है जब चीन कम्‍यूनिस्‍ट पार्टी ऑफ चाइना के 100 वर्ष पूरे होने का जश्‍न मना रहा है। इस मौके पर बीजिंग में हुए एक समारोह में राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग ने हांगकांग के मुद्दे पर उसे नसीहत न देने की धमकी दी है। आपको बता दें कि इस नए कानून को चीन द्वारा करीब एक वर्ष पहले हांगकांग के लोगों पर थोपा गया था। इस कानून के खिलाफ हांगकांग की सड़कों पर लोगों ने जबरदस्‍त विरोध प्रदर्शन किया था। विश्‍व के कई देशों ने इस कानून को लागू करने के लिए चीन की आलोचना भी की थी। आपको बता दें कि जहां 1 जुलाई को चीन कम्‍यूनिस्‍ट पार्टी के 100 वर्ष पूरे होने का जश्‍न मना रहा है वहीं 30 जून को हांगकांग की चीन को वापसी के 23 वर्ष पूरे हो गए हैं। 

गौरतलब है कि हांगकांग पर बढ़ते चीन के शिकंजे के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों के चलते काफी संख्‍या में लोकतंत्र समर्थकों को प्रतिबंधित कर दिया गया था। विरोध प्रदर्शन में शामिल पत्रकारों को भी हिरासत में लिया गया। कई महीनों तक हांगकांग में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला चलता रहा था। चीन ने यहां पर शिकंजा कसते हुए हर वर्ष 4 जून को होने वाले उस कैंडल मार्च को भी प्रबिबंधित कर दिया था जो थ्‍येनआनमन चौक पर 1989 में चीन द्वारा किए गए नरसंहार के खिलाफ था। इस पर दो वर्षों के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है। इतना ही नहीं कोविड महामारी के नाम पर चीन ने लोकतंत्र समर्थकों के 1 जुलाई को होने वाले विरोध प्रदर्शन पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। चीन की हिमायती सरकार का कहना था कि महामारी को फैलने से रोकने के लिए ये बेहद जरूरी है।

चीन के कहने पर ही हांगकांग में एप्‍पल डेली अखबार के 7 संपादकों को गिरफ्तार किया गया और अखबार से जुड़ी संपत्ति को भी जब्‍त कर लिया गया था। एक सप्‍ताह पहले ही इस अखबार का आखिरी संस्‍करण प्रकाशित हुआ था। ये अखबार लोकतंत्र समर्थक था। पूरी दुनिया ने इसको लेकर चीन की आलोचना की थी। गुरुवार 1 जुलाई को बीजिंग में हुए सीपीसी के शताब्‍दी समारोह में हांगकांग की टॉप लीडर कैरी लाम समेत के कई आला अधिकारी भी मौजूद थे। राष्‍ट्रपति चिनफिंग ने हांगकांग को लेकर कहा कि इसकी और मकाऊ को मिले अधिकार आगे भी जारी रहेंगे। एक देश दो सिस्‍टम का नियम आगे भी जारी रहेगा।

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