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हांगकांग और मकाऊ को जोड़ने वाले दुनिया के सबसे बड़े पुल पर क्‍यों है विवाद, जानें

हांगकांग, मकाउ और चीनी शहर झुहैइ को जोड़ने वाले दुनिया के सबसे बड़े समुद्री पुल के उद्घाटन समारोह का एलान चीन ने कर दिया है। इस एलान के साथ ही परियोजना के आलोचकों ने इसमें बरती गई अपारदर्शिता के लिए बीजिंग को घेरना शुरू कर दिया है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Thu, 18 Oct 2018 05:00 PM (IST)Updated: Fri, 19 Oct 2018 09:25 AM (IST)
हांगकांग और मकाऊ को जोड़ने वाले दुनिया के सबसे बड़े पुल पर क्‍यों है विवाद, जानें
हांगकांग और मकाऊ को जोड़ने वाले दुनिया के सबसे बड़े पुल पर क्‍यों है विवाद, जानें

हांगकांग, एएफपी। हांगकांग, मकाउ और चीनी शहर झुहैइ को जोड़ने वाले दुनिया के सबसे बड़े समुद्री पुल के उद्घाटन समारोह का एलान चीन ने कर दिया है। इस एलान के साथ ही परियोजना के आलोचकों ने इसमें बरती गई अपारदर्शिता के लिए बीजिंग को घेरना शुरू कर दिया है। पुल के समर्थक इसे इंजीनियरिंग की एक बेहतरीन मिसाल बता रहे हैं, तो दूसरी तरफ आलोचक इसे एक खर्चीली और हांगकांग पर अपना प्रभाव बढ़ाने की बीजिंग की एक साजिश बता रहे हैं। पुल के उद्घाटन समारोह में चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग के शामिल होने की भी सूचना थी। स्थानीय मीडिया को मंगलवार को पुल के उद्घाटन समारोह के लिए निमंत्रण भेजा गया था लेकिन इसके बाद उनको कोई अधिकृत जानकारी नहीं दी गई और यह भी बताया नहीं गया कि पुल पर परिचालन शुरू हो गया या नहीं।

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दुनिया को चौंकाया
चीन ने 55 किमी लंबा समुद्री पुल बनाकर पूरी दुनिया को चौंका दिया है। यह दुनिया का सबसे लंबा समुद्री पुल है।पुल हांगकांग को चीन के दक्षिणी शहर झूहाई और मकाउ के गैमलिंग एनक्लेव से जोड़ेगा। नौ साल से बन रही इस पुल को बनाने में एफिल टावर के मुकाबले 60 गुना ज्यादा स्टील खर्च हुआ है। चीन की सरकारी मीडिया के अनुसार इसकी तैयारी में छह साल लग गये और 31 दिसबंर 2017 को इसका काम पूरा हुआ। दुनिया के इस सबसे लंबे पुल पर पैदल सवार नहीं चल सकेंगे। वहीं चीन से जाने वाली कार को हांग कांग में घुसने से पहले रोड में अपनी साइड बदलनी होगी। क्योंकि हांग कांग में भारत की तरह ट्रैफिक बायीं तरफ चलता है।

द्वीप के साथ अंडरवाटर टनल भी बनी
द्वीप पुल निर्माण का सबसे कठिन हिस्सा 22.9 किमी लंबा और 6.7 किमी गुफा में सड़क का निर्माण था। इसमें एक अंडरवाटर टनल भी तैयार की गई है जिसे इस निर्माण कार्य का सबसे जटिल हिस्सा बताया गया है। वहीं एक कृत्रिम द्वीप भी बनाया गया, जो बेहद चुनौतीपूर्ण काम था। इस Y शेप पुल के निर्माण से हांगकांग और चीन के दक्षिणी शहर झूहाई की दूरी तीन घंटे चालीस मिनट से घटकर 30 मिनट हो गयी है। बता दें कि हांगकांग की गिनती विश्व का सबसे बड़े व्यवसायिक शहरों में होती है।

120 वर्षों तक की उम्र
अधिकारियों के मुताबिक यह पुल अगले 120 सालों तक इस्तेमाल किया जा सकेगा। कयास लगाए जा रहे हैं कि यह पुल कारोबार में इजाफा करेगा और इससे यात्रा में लगने वाला समय 60 फीसदी तक घटेगा। इस पुल को बनाने पर चीन सरकार ने कितना खर्च किया है इसका आंकड़ा जारी नहीं किया गया है। लेकिन माना जा रहा है इसे बनाने मे तकरीब 15.1 अरब डॉलर खर्च हुए हैं। हालांकि आलोचक इसे सफेद हाथी बताकर इसकी आलोचना में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

पुल की खासियत
-55 किलोमीटर लंबे इस पुल का निर्माण वर्ष 2009 में शुरू हुआ था।
-पर्ल रिवर ईस्टूरी के ऊपर बने सांप नुमा पुल में पानी के अंदर सुरंग भी बनाई गई है।
-पुल हांगकांग के लंताऊ द्वीप और चीन के दक्षिणी शहर झुहैइ और गैंबलिंग को मकाउ से जोड़ता है।


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