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चीन ने पीएम मोदी के शंगरी-ला वार्ता बयान को सराहा, भारत के साथ मिलकर चलने को तैयार

चीन ने शंगरी-ला वार्ता में भारत और चीन के संबंधों पर पीएम मोदी की टिप्पणी पर खुशी जाहिर की। चीन ने भारत के साथ काम करने की इच्छा भी व्यक्त की।

By Tilak RajEdited By: Published: Mon, 04 Jun 2018 06:55 PM (IST)Updated: Mon, 04 Jun 2018 06:55 PM (IST)
चीन ने पीएम मोदी के शंगरी-ला वार्ता बयान को सराहा, भारत के साथ मिलकर चलने को तैयार
चीन ने पीएम मोदी के शंगरी-ला वार्ता बयान को सराहा, भारत के साथ मिलकर चलने को तैयार

बीजिंग, पीटीआइ। चीन और भारत तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्‍यवस्‍था और विश्व में सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश हैं। इसलिए इसमें कोई दो राय नहीं कि अगर भारत और चीन मिलकर आगे बढ़ें, तो पूरे विश्‍व का भविष्‍य उज्‍ज्‍वल होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यही बात शंगरी-ला वार्ता के दौरान कही थी, जिसका चीन ने स्‍वागत किया है। चीन ने कहा है कि वह भारत के साथ मिलकर चलने को तैयार है।

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चीन ने शंगरी-ला वार्ता में भारत और चीन के संबंधों पर पीएम मोदी की टिप्पणी पर खुशी जाहिर की। चीन ने भारत के साथ काम करने की इच्छा भी व्यक्त की। पीएम मोदी ने सिंगापुर में शंगरी-ला वार्ता में अपने संबोधन में पिछले सप्ताह कहा था कि एशिया और विश्व का एक बेहतर भविष्य होगा, जब भारत और चीन एक-दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशील होने के साथ ही विश्वास और आत्मविश्वास के साथ मिलकर काम करेंगे।

गौरतलब है कि भारत और चीन पिछले दिनों डोकलाम सीमा विवाद को लेकर आमने-सामने आ गए थे। दोनों देशों की सेनाओं ने हथियार तान लिए थे। लेकिन शांतिपूर्वक ये मसला निपट गया था। पीएम मोदी ने संबोधन में इसका जिक्र करते हुए कहा था कि भारत और चीन दोनों ने मुद्दों से निपटने में परिपक्वता और विवेक को प्रदर्शित किया है और शांतिपूर्ण सीमा सुनिश्चित करने के लिए दुनिया के दो अधिक आबादी वाले देशों के बीच सहयोग बढ़ रहा है।

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्‍ता हुआ चुनयिंग ने मीडिया ब्रीफिंग में मोदी के बयान का स्वागत करते हुए कहा, 'हमने चीन-भारत संबंधों पर प्रधानमंत्री मोदी की सकारात्मक टिप्पणी देखी। हम इस तरह के सकारात्मक बयान की प्रशंसा करते है। चीन द्विपक्षीय संबंधों के विकास की सकारात्मक गति को बनाए रखने, पारस्परिक रूप से हितकारी सहयोग को बढ़ावा देने, मतभेदों को व्यवस्थित तरीके से दूर करने, सीमावर्ती इलाकों में शांति बनाए रखने और इस तरह से ही चीन-भारत संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए आम सहमति के साथ भारत के साथ काम करने का इच्छुक है।

पीएम नरेंद्र मोदी अप्रैल माह में चीन गए थे, जहां उनकी राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग के साथ अनौपचारिक वार्ता हुई थी। इस दौरान भी पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा था कि दो बड़ी शक्तियां चीन और भारत वैश्विक नेतृत्‍व में अहम भूमिका निभा सकती हैं। बता दें कि पिछले 1600 साल से भारत और चीन की अर्थव्‍यवस्‍था वैश्विक स्‍तर पर महत्‍वपूर्ण योगदान देती आई हैं।


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