Move to Jagran APP

हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने चीन को दिया झटका, भाषा कार्यक्रम बीजिंग से ताइपे किया स्थानांतरित

विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा निकाले जाने वाले अखबार हार्वर्ड क्रिम्सन को हार्वर्ड बीजिंग एकेडमी की निदेशक जेनिफर लियू ने बताया कि चाइनीज लैंग्वेज प्रोग्राम को बीजिंग से हटाने का सबसे बड़ा कारण वहां के संस्थान का गैर दोस्ताना व्यवहार है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 08:04 AM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 08:04 AM (IST)
हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने चीन को दिया झटका, भाषा कार्यक्रम बीजिंग से ताइपे किया स्थानांतरित
हार्वर्ड विवि ने अपना भाषा कार्यक्रम बीजिंग से ताइपे स्थानांतरित किया

बीजिंग, प्रेट्र। चीन को झटका देते हुए अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने चीनी भाषा के कार्यक्रम को बीजिंग से हटाकर ताइपे स्थानांतरित कर दिया है। ताइपे ताइवान की राजधानी है जिसे चीन अपना क्षेत्र बताता है जबकि ताइवान खुद को स्वतंत्र राष्ट्र कहता है। अमेरिकी विश्वविद्यालय ने चीन के खराब व्यवहार को कारण बताते हुए यह कदम उठाया है।

loksabha election banner

विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा निकाले जाने वाले अखबार हार्वर्ड क्रिम्सन को हार्वर्ड बीजिंग एकेडमी की निदेशक जेनिफर लियू ने बताया कि चाइनीज लैंग्वेज प्रोग्राम को बीजिंग से हटाने का सबसे बड़ा कारण वहां के संस्थान का गैर दोस्ताना व्यवहार है। यह प्रोग्राम बीजिंग लैंग्वेज एंड कल्चर यूनिवर्सिटी में चलाया जाता था। अब यह प्रोग्राम ताइवान की ईवी लीग अमेरिकन यूनिवर्सिटी के लिए स्थानांतरित किया गया है। चीन के लिए यह किसी झटके से कम नहीं है, क्योंकि वह ताइवान द्वीप को अपना भूभाग बताता है।

लियू ने बताया कि पिछले कई वर्षो से हार्वर्ड के प्रोग्राम को बीजिंग में कक्षाओं और छात्रावास के लिए परेशान होना पड़ रहा था। एक भी छात्र के लिए रहने का इंतजाम न होने की वजह से प्रोग्राम से जुड़े छात्रों को होटल में रखना पड़ रहा था। हार्वर्ड क्रिम्सन की रिपोर्ट के अनुसार शी चिनफिंग के सत्ता में आने के बाद से चीन में अमेरिकी संस्थाओं के प्रति व्यवहार खराब हुआ है। चार जुलाई को अमेरिकी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अमेरिका का राष्ट्रगान गाया जाता था और छोटी सी पार्टी आयोजित की जाती थी। लेकिन 2019 इस तरह की पार्टी आयोजित करने पर रोक लगा दी गई।

रायटर के अनुसार इस महीने के शुरुआती दिनों में अपने लड़ाकू विमानों के ताइवान की वायु सीमा में जाने के मामलों को चीन ने सामान्य घटना बताया है। कहा है कि ऐसा उसने इलाके में शांति को कायम रखने के लिए किया।                                


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.