Move to Jagran APP

CoronaVirus : चीन की मीट मार्केट रही है कई जानलेवा वायरस की जनक, यहीं से दुनिया में फैली मौत

कोरोना वायरस ऐसा अकेला वायरस नहीं है जो चीन के बाद दुनिया में तेजी से फैल रहा है। इससे पहले भी कई वायरस चीन से ही निकले हैं। इनके पीछे यहां की मीट मार्केट रही है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 29 Jan 2020 12:35 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jan 2020 02:38 PM (IST)
CoronaVirus : चीन की मीट मार्केट रही है कई जानलेवा वायरस की जनक, यहीं से दुनिया में फैली मौत
CoronaVirus : चीन की मीट मार्केट रही है कई जानलेवा वायरस की जनक, यहीं से दुनिया में फैली मौत

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। मच्‍छर के अंड़े, छिपकली, सांप, कुत्‍ते का मांस, जिंदा ऑक्‍टोपस, समेत कई दूसरे सीफूड और जानवरों के मांस चीन के बाजार का वर्षों से हिस्‍सा रहे हैं। आपको ये जानकर भले ही अजीब लगे, लेकिन इन्‍हें यहां पर बड़े चाव के साथ खाया जाता है। कुत्‍तों के मांस को लेकर तो यहां पर इनकी चोरी भी बड़ी आम है, लेकिन कहीं न कहीं इन जानवरों का मांस यहां के लिए अभिशाप भी साबित होता रहा है। आपको जानकर ताज्‍जुब हो सकता है कि कई तरह के नए वायरस पूरी दुनिया में चीन से ही फैले हैं, जिनके पीछे वजह जानवरों का मांस ही रहा है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि चीन में दुनिया का करीब 50 फीसद पशुधन है। इसका सीधा-सा अर्थ है कि यहां के ज्‍यादातर लोग पशु रखते हैं।

prime article banner

सबसे बड़ा मीट उप्‍तादक देश है चीन

आपको यहां पर ये भी बता दें कि चीन दुनिया का सबसे बड़ा मांस उत्‍पादक देश है। इसमें हर तरह का मांस शामिल है। यहां पर मांस की खपत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि चीन में मांस परोसने वाले रेस्‍तरां की तादाद बीते पांच वर्षों में जबरदस्‍त तरह से बढ़ी है। हालांकि, कोरोना के प्रकोप के बाद चीन ने मांस की बिक्री पर अस्‍थाई तौर पर प्रतिबंध लगाया है। आपको जानकर हैरत हो सकती है, लेकिन ये सच्‍चाई है कि चीन की मीट मार्केट 150 मिलियन टन कार्बन डाईआक्‍साइड उत्‍सर्जित करती है। पूरी दुनिया में जनवरी 2020 में अब तक करीब 24,623,552 टन मीट की खपत हुई है। वहीं इतने मीट के प्रोडक्‍शन के लिए दुनिया भर में करीब 158,915,975,576 टन पानी खर्च हुआ है।

चीन से आने वाला पहला वायरस नहीं कोरोना

आपको बता दें कि कोरोना ऐसा पहला वायरस नहीं है जो चीन के रास्‍ते पूरी दुनिया में फैल रहा हो। इससे पहले  वर्ष 2002 में चीन के गुआंगडांग में सार्स का वायरस पाया गया था। यहां से निकलने के बाद यह वायरस तेजी से दुनिया के दूसरे देशों में भी फैला और करीब आठ हजार लोग इसके संक्रमण की चपेट में आए थे। इस वायरस ने पूरी दुनिया में करीब 800 लोगों की जान ली थी। दुनिया भर में फैले वायरस को लेकर एक खास जानकारी ये भी है कि दुनिया का अपनी चपेट मे लेने वाले करीब साठ फीसद वायरस पशुओं के ही माध्‍यम से फैले हैं। बीते 30 वर्ष में करीब तीन नए वायरस का भी शोधकर्ताओं ने पता लगाया है।  

एच-7एन-9 एवियन

वर्ष 2013 में एच 7 एन 9 एवियन का स्रोत भी चीन ही रहा था। इस इनफ्लुएंजा ने भी कई देशों को अपनी चपेट में लिया था। इस इनफ्लुएंजा वायरस को पहले पक्षियों में देखा गया था। इससे पहले इस तरह का वायरस किसी जानवर या इंसान में नहीं पाया गया था। पक्षियों के बाद यह तेजी से इंसानों में फैला और इसकी वजह से लोगों के बीमार पड़ने की खबरें तेजी से सामने आई थीं। इसकी वजह पॉल्‍ट्र्री फार्म बना था। इसके अलावा चीन में जहां पर पक्षियों की खरीद-फरोख्‍त होती थी, वहां से भी इसका वायरस तेजी से फैला था।

H7N4 एवियन

इसके बाद वर्ष 2018 में चीन के जियांग्‍शु प्रांत में एच 7 एन 4 वायरस का पता चला था। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की जानकारी के मुताबिक, पूरी दुनिया में इस वायरस का केवल एक मामला चीन में सामने आया था। 68 वर्षीय महिला के इस वायरस के चपेट में आने की वजह भी पॉल्‍ट्री फार्म ही बना था। यह महिला पहले से ही दिल और हाइपरटेंशन की समस्‍या से जूझ रही थी। 25 दिसंबर 2017 को इस महिला को इस वायरस के लक्षण दिखाई दिए थे, जिसके 7 दिन बाद उसको अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था। 21 दिन बाद उसको डिस्‍चार्ज कर दिया गया था। 12 फरवरी को चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने इस महिला के एवियन इनफ्लुएंजा एएच7एन4 की चपेट में आने की पुष्टि की थी। एहतियात बरतते हुए इस महिला के 20 से अधिक करीबी लोगों में भी इस वायरस की जांच की गई थी, लेकिन उनमें इसकी ऐसी कोई पुष्टि नहीं हुई थी। 

H5N6

वर्ष 2014 में  चीन के गुआंगडांग प्रांत से ही एच 5 एन 6 बर्ड फ्लू सामने आया था। 59 वर्षीय एक पुरुष के इस वायरस की चपेट में होने की पुष्टि की गई थी। इसके अलावा शिशुहान प्रांत में एक 49 वर्षीय व्‍यक्ति के इस वायरस के चपेट में आने की पुष्टि की गई थी। हालांकि, इसको बचाने में डॉक्‍टर नाकाम रहे थे। पूरी दुनिया में इस वायरस के यही दो मामले सामने आए थे। इनकी वजह भी इन व्‍यक्तियों के पक्षियों के संपर्क में आना था। इसके बाद चीन में एहतियातन करीब डेढ़ लाख पक्षियों को मार दिया गया था। इसके मरीज ऑस्‍ट्रेलिया, फिलीपींस और दक्षिण कोरिया में भी सामने आए थे। 

चीन में वायरस की महामारी

चीन में जहां कोरोना वायरस महामारी की शक्‍ल ले चुका है, वहीं इसकी वैक्‍सीन को डेवलप करने की होड़ पूरे विश्‍व में चल रही है। पूरी दुनिया में करीब 19 देशों में इसके मरीज होने की आशंका ने सभी को डरा दिया है। भारत की ही बात करें तो राजधानी दिल्‍ली के राम मनोहर लोहिया अस्‍पताल में तीन मरीजों को भर्ती कराया गया है। इनके ब्‍लड सैंपल को जांच के लिए भेजा गया है, फिलहाल रिपोर्ट का इंतजार है। चीन के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 5974 लोगों के इस वायरस के चपेट में आने की पुष्टि की जा चुकी है। इस वायरस की चपेट में आए 1239 मरीजों की हालत गंभीर है, जबकि 132 मरीजों की मौत हो चुकी है। इस वायरस का एक मामला तिब्‍बत में भी सामने आया है। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, अमेरिका में अब तक इस पांच मरीजों में इस वायरस के होने की पुष्टि की गई है। यह सभी हाल ही में चीन से लौटे हैं। थाईलैंड में इसके 14 और जर्मनी में इसका पहला मामला सामने आया है। 

यह भी पढ़ें:- 

कोरोना वायरस से संबंधित सभी खबरों को पढ़ने के लिए क्लिक करें 

मेडिकल साइंस ने भले ही तरक्‍की की हो लेकिन वैक्सीन डेवलेप करने के मामले में पिछड़ गए हम

जानें कौन हैं मंजूर पश्‍तीन जो पश्‍तून मूवमेंट को हवा देकर बने पाकिस्‍तान सरकार के आंखों की किरकिरी 

करियप्‍पा का नाम सुनकर पीछे हट जाते थे पाकिस्‍तानी सेना के जनरल, देते थे पूरा सम्‍मान  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.