हांगकांग के आंदोलनकारियों को नोबेल अवार्ड देने के संकेत पर चीन लाल, नॉर्वे पहुंचे चीन के विदेश मंत्री
कई मसलों को लेकर अमेरिका के चीन पर बनाए दबाव के दौर में समर्थन जुटाने के लिए वांग इस समय यूरोपीय यूनियन के सदस्य देशों के दौरे पर हैं।
बीजिंग, प्रेट्र। नॉर्वे पहुंचे चीन के विदेश मंत्री वांग ई ने नोबेल शांति पुरस्कार को लेकर नॉर्वे सरकार को आगाह किया है। कहा है कि संकेत मिले हैं कि हांगकांग के लोकतंत्र समर्थक आंदोलनकारियों को नोबेल शांति पुरस्कार देने पर विचार हो रहा है। अगर आंदोलनकारियों को पुरस्कार दिया जाता है तो नॉर्वे के साथ चीन के संबंधों में तनाव पैदा हो जाएगा।
चीन के किसी विदेश मंत्री का 15 साल में नॉर्वे का पहला दौरा
पूर्व में चीन के मानवाधिकार कार्यकर्ता लियू शियोबो और तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा को नोबेल शांति पुरस्कार देने के मसले पर भी दोनों देशों में तल्खी पैदा हो चुकी है। कई मसलों को लेकर अमेरिका के चीन पर बनाए दबाव के दौर में समर्थन जुटाने के लिए वांग इस समय यूरोपीय यूनियन के सदस्य देशों के दौरे पर हैं। इसी सिलसिले में वह नॉर्वे पहुंचे हैं। चीन के किसी विदेश मंत्री का पिछले 15 साल में नॉर्वे का यह पहला दौरा है।
कोविड-19 महामारी के चलते चीन और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ा
उल्लेखनीय है कि चीन और अमेरिका के संबंध इस समय अपने सबसे निचले स्तर पर हैं। कोविड-19 महामारी और कुछ अन्य मसलों के चलते दोनों देशों के बीच तनाव इस समय काफी बढ़ा हुआ है।
वांग की नॉर्वे की विदेश मंत्री सोरीड से सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता को लेकर हुई वार्ता
वांग का ओस्लो दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि नॉर्वे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता ग्रहण करने वाला है। चीन इस संस्था का स्थायी सदस्य है। इस सिलसिले में वांग की नॉर्वे की विदेश मंत्री आईन एरिक्सन सोरीड से वार्ता हुई।
वांग ने कहा- यदि एक-दूसरे का सम्मान करेंगे तो द्विपक्षीय संबंध होंगे विकसित
प्रेस कॉन्फ्रेंस में नोबेल शांति पुरस्कार के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में वांग ने कहा, नोबेल शांति पुरस्कार को चीन के अंदरूनी मामलों में दखल के लिए इस्तेमाल किए जाने के प्रयासों को वह पूरी तरह से खारिज करते हैं। चीन नोबेल शांति पुरस्कार के राजनीति से प्रेरित होने का विरोध करता है। नॉर्वे के साथ संबंधों पर वांग ने कहा, अगर हम एक-दूसरे का सम्मान करेंगे और बराबरी का व्यवहार करेंगे, तो द्विपक्षीय संबंध निश्चित रूप से विकसित होंगे।