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तिब्बत में भूस्खलन के चलते अरुणाचल, असम पर मंडरा रहा ब्रह्मपुत्र नदी के बाढ़ का खतरा टला

ब्रह्मपुत्र यानी यरलुंग त्संगपो नदी तिब्बत के पश्चिमी भाग में कैलास पर्वत और मानसरोवर झील से दक्षिणपूर्व स्थित तमलुंग त्सो झील से निकलती है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 22 Oct 2018 10:32 PM (IST)Updated: Tue, 23 Oct 2018 12:06 AM (IST)
तिब्बत में भूस्खलन के चलते अरुणाचल, असम पर मंडरा रहा ब्रह्मपुत्र नदी के बाढ़ का खतरा टला
तिब्बत में भूस्खलन के चलते अरुणाचल, असम पर मंडरा रहा ब्रह्मपुत्र नदी के बाढ़ का खतरा टला

बीजिंग, प्रेट्र/आइएएनएस। तिब्बत में भूस्खलन से ब्रह्मपुत्र नदी के बाधित मार्ग में बने कृत्रिम झील का बढ़ा जलस्तर सामान्य हो गया है। इससे भारत के पूर्वोत्तर राज्यों अरुणाचल प्रदेश और असम पर मंडरा रहा बाढ़ का खतरा टल गया है। सोमवार को चीन ने भारत को यह जानकारी दी। उसने बताया कि यरलुंग त्संगपो (ब्रह्मपुत्र का तिब्बती नाम) में बनी कृत्रिम झील का बढ़ा जलस्तर घट गया है और फिलहाल बाढ़ का कोई खतरा नहीं है।

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चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने उपरोक्त जानकारी दी। उन्होंने बताया, 'भूस्खलन से यरलुंग त्संगपो नदी के मार्ग में बने कृत्रिम झील के बढ़े जलस्तर को लेकर भारत और चीन के बीच लगातार संपर्क कायम रहा। नदी के प्रवाह के संबंध में हमने कुल 117 डाटा भारत के साथ साझा किया। नदी मार्ग में बने झील का बढ़ा जलस्तर 20 अक्टूबर को कम हो गया।' बकौल चुनयिंग, 'नदी के बाधित मार्ग में बढ़ा जलस्तर तो फिलहाल कम हो गया, फिर भी हम भूस्खलन से पैदा हुई स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं और भारत को ताजा हालत से अवगत कराते रहेंगे।'

चीनी प्रवक्ता का कहना था, 'नदी मार्ग में जब भूस्खलन हुआ तो हमने फौरन ही भारत को सूचित कर दिया था और आगे भी इस पर नजदीकी संपर्क कायम रखेंगे।' सीमापार नदियों की प्रवाह संबंधी स्थिति के बारे में जानकारी साझा करने के लिए भारत और चीन ने 2006 में विशेषज्ञस्तरीय तंत्र का गठन किया था। इसी के तहत ब्रह्मापुत्र के जलीय चक्र के बारे में चीन साल में दो बार 15 मई और 15 अक्टूबर को डाटा साझा करता है। यह डाटा बाढ़ के पूर्वानुमान और उससे निपटने की आवश्यक तैयारियों के लिए जरूरी हैं।

ध्यान रहे चीन ने इससे पूर्व जानकारी दी थी कि तिब्बत में भूस्खलन होने के चलते 17 अक्टूबर को ब्रह्मापुत्र नदी का मार्ग अवरुद्ध हो गया और इसमें एक कृत्रिम झील बन गई है, जिसका जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इस सूचना के बाद अरुणाचल प्रदेश और असम में बाढ़ की आशंका को देखते हुए हाई अलर्ट जारी कर दिया गया।

अरुणाचल प्रदेश में सियांग (अरुणाचल में ब्रह्मापुत्र का नाम) नदी के किनारे बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया। असम के मुख्य मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने भी अरुणाचल की सीमा से सटे जिलों में बाढ़ की आशंका को देखते हुए प्रशासन को अलर्ट कर दिया था।

तिब्बत से निकलती है ब्रह्मपुत्र नदी

ब्रह्मपुत्र यानी यरलुंग त्संगपो नदी तिब्बत के पश्चिमी भाग में कैलास पर्वत और मानसरोवर झील से दक्षिणपूर्व स्थित तमलुंग त्सो झील से निकलती है। यह दक्षिण तिब्बत घाटी और यरलुंग त्संगपो महान घाटी बनाती हुई दक्षिण की ओर रुख़ कर के भारत के अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है, जहां इसे सियांग नदी के नाम से जाना जाता है। यही नदी आगे चलकर और चौड़ी हो जाती है और असम में प्रवेश करते ही इसका नाम ब्रह्मपुत्र हो जाता है।


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