कोरोना वायरस से चीन में चौपट हो रहा कारोबार, खुदरा महंगाई पहुंची आठ साल के शीर्ष पर, अफरातफरी का आलम
कोरोना वायरस के प्रकोप से चीन में कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। खुदरा महंगाई आठ वर्ष के शीर्ष पर पहुंच गई है। हालात बेहद खराब हैं और लोग खाने पीने की चीजें जमा कर रहे हैं..
बीजिंग, एएफपी। कोरोना वायरस के प्रकोप से चीन में खुदरा महंगाई आठ वर्ष के शीर्ष पर पहुंच गई है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने चीन में खुदरा महंगाई दर 5.4 परसेंट रही। एक महीने पहले यानी दिसंबर, 2019 में यह 4.5 परसेंट रही थी। वायरस के चलते महंगाई उम्मीद से कहीं ऊपर चली गई है। चीन के लिए चिंता की बात यह है कि कोरोना वायरस सामने आने से पहले ही वह इकोनॉमिक सुस्ती का सामना कर रहा था। अब कोरोना उसके लिए नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है।
चीजें जमा करने लगे लोग
आंकड़ों के मुताबिक समीक्षाधीन अवधि में खाद्य कीमतों में 20.6 परसेंट का इजाफा हुआ है। ब्लूमबर्ग सर्वे के मुताबिक महंगाई में कुल मिलाकर 4.9 परसेंट की वृद्धि हुई है, जो अक्टूबर, 2011 के बाद सबसे अधिक है। कोरोना के चलते अभी तक चीन में तकरीबन 900 लोगों की मौत हो चुकी है। जानकारों के मुताबिक लॉकडाउन की वजह से आपूर्ति प्रभावित हो रही है। खासकर फल और सब्जियों जैसे खाद्य पदार्थ बड़े शहरों तक पहुंचने से पहले ही खराब हो रहे हैं। इससे महंगाई बढ़ रही है। इसके अलावा विपरीत हालात से चिंतित लोग चीजें जमा करने लगे हैं। इससे भी इनकी आपूर्ति बाधित हो रही है और महंगाई बढ़ रही है।
छोटे कारोबारियों पर तगड़ी मार
कोरोना वायरस से चीन में छोटे कारोबारी बहुत बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। छोटे-छोटे रेस्त्रां और गेस्टहाउस चलाकर आजीविका कमाने वालों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। वायरस के डर से लोगों ने घरों से बाहर निकलना छोड़ दिया है, जिससे इनका कारोबार ठप पड़ गया है। पर्यटन क्षेत्र की हालत भी खस्ता है। बस, ट्रेन जैसे सार्वजनिक यातायात भी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। सुपर मार्केट्स को सामान बेचने के लिए जूझना पड़ रहा है।
मास्क की भारी कमी
कोरोना वायरस से नुकसान झेल रही चीनी कंपनियां लोन जुटाने का प्रयास कर रही हैं। इनमें रेस्त्रां और दवा कारोबार से जुड़ी कंपनियों को लोन की दरकार सबसे ज्यादा है। श्याओमी जैसी बड़ी कंपनियों ने लोन के लिए आवेदन किया है। चिकित्सा उपकरण और मास्क जैसी जरूरी चीजें बनाने के लिए भी लोन जुटाया जा रहा है। गौरतलब है कि चीन में जरूरत के मुताबिक मास्क उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। इस बीच अलीबाबा ग्रुप ने 286 करोड़ डॉलर (करीब 20 हजार करोड़ रुपये) का कर्ज देने का प्रस्ताव रखा है। कंपनी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर जानकारी दी कि वह अपनी वित्तीय शाखा के माध्यम से छोटी और संकटग्रस्त कंपनियों को कम ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराएगी।
स्मार्टफोन उत्पादन में 12 परसेंट गिरावट की आशंका
सियोल, रायटर। चीन में कोरोना वायरस फैलने से उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। रिसर्चर ट्रेंड-फोर्स के मुताबिक इस वर्ष के पहले तीन महीनों के दौरान स्मार्टफोन के उत्पादन में 12 परसेंट की गिरावट आने की आशंका है। इस दौरान उत्पादन पिछले पांच साल के निचले स्तर पर आने का अनुमान है। उत्पादन कम रहने से हुआवे, एपल जैसी स्मार्टफोन बनाने वाली ग्लोबल कंपनियों को बड़ा झटका लग सकता है।
मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस पर कोरोना का साया
सैन फ्रांसिस्को, आइएएनएस। इसी महीने के अंत में स्पेन के बार्सिलोना में आयोजित होने वाली सबसे बड़ी मोबाइल प्रदर्शनी पर भी कोरोना वायरस का साया मंडरा रहा है। एक के बाद एक बड़ी कंपनियां मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस में भाग लेने से इन्कार कर रही हैं। एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स, एरिक्सन और एनविडा के बाद अब ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने भी इसमें शामिल होने से इन्कार कर दिया है। टेक्नोलॉजी फर्म सोनी ने भी इससे किनारा करने की बात कही है। हालांकि मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस के आयोजकों ने सभी सुरक्षा मानकों को अपनाने की बात कही है। इस दौरान चीन के हुबेई प्रांत के लोगों को यहां आने से पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है।