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परागुए को भारत के वैक्सीन देने से भड़क उठा चीन, ताइवान को दी चेतावनी, जानें क्‍या है मामला

चीन ने कहा है कि कोविड वैक्सीन मामले में ताइवान परागुए को लेकर बेवजह विवाद खड़ा कर रहा है। ताइवान ने दक्षिण अमेरिकी देश को वैक्सीन दिलाने के लिए न केवल भारत से वार्ता की बल्कि उसे तत्काल एक लाख खुराकें भी दिलवा दीं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 08 Apr 2021 10:42 PM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 12:29 AM (IST)
परागुए को भारत के वैक्सीन देने से भड़क उठा चीन, ताइवान को दी चेतावनी, जानें क्‍या है मामला
चीन ने कहा है कि कोविड वैक्सीन मामले में ताइवान परागुए को लेकर बेवजह विवाद खड़ा कर रहा है।

बीजिंग, प्रेट्र। चीन ने कहा है कि कोविड वैक्सीन मामले में ताइवान परागुए को लेकर बेवजह विवाद खड़ा कर रहा है। ताइवान ने दक्षिण अमेरिकी देश को वैक्सीन दिलाने के लिए न केवल भारत से वार्ता की बल्कि उसे तत्काल एक लाख खुराकें भी दिलवा दीं। ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू के इस रहस्योद्घाटन के बाद चीन बौखला गया और अब वह ताइवान पर अपनी भड़ास निकाल रहा है। कहा कि ताइवान को यह नहीं भूलना चाहिए कि वह चीन का हिस्सा है। ताइवान को मान्यता देकर उसके साथ कूटनीतिक रिश्ते बनाने वाले दुनिया के 15 देशों में परागुए भी शामिल है।

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चीन के धोखा देने पर भारत ने भेजी हैं एक लाख वैक्सीन खुराक

चीन इसी के चलते उसे कोविड वैक्सीन के लिए परेशान कर रहा था। चीन ने परागुए को पहले वैक्सीन देने का आश्वासन दिया और उसके बाद मुकर गया। कोरोना संक्रमण के चलते मुश्किल में फंसे परागुए की समस्या को सुलझाने के लिए ताइवान सक्रिय हुआ और उसके विदेश मंत्री वू ने भारत के साथ अमेरिका और जापान से वार्ता कर इस समस्या को सुलझा दिया। वू ने कहा, ताइवान से रिश्ता रखने के कारण परागुए को चीन ने वैक्सीन देने से इन्कार किया। इसलिए ताइवान का कर्तव्य बनता था कि वह परागुए की मदद के लिए प्रयास करे।

ताइवान को चेताया, राजनीतिक उद्देश्यों के लिए न करे वैक्सीन का इस्तेमाल

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झोऊ लिजिन ने कहा चीन का कोविड-19 को लेकर अन्य देशों के साथ सहयोग बहुत विस्तृत और खुला हुआ है। ताइवान के अधिकारियों ने जो कुछ किया, वह बिल्कुल अलग मामला है। उन्होंने धन देकर सुविधाएं खरीदने का काम किया। इसलिए हम ताइवान को चेतावनी देते हैं कि वह वैक्सीन को राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए इस्तेमाल न करे। क्योंकि वैक्सीन या डॉलर डिप्लोमेसी से ताइवान का खुद को स्वतंत्र करने का सपना पूरा नहीं होगा।


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