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दुनिया में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर लगाम लगाने की दिशा में मिलेगी मदद

शोधकर्ताओं के मुताबिक, कुदरती लकड़ी से इसकी तुलना करने पर सामने आया कि पानी और तेजाब में इसके टिकने की क्षमता अधिक है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 13 Aug 2018 09:37 AM (IST)Updated: Mon, 13 Aug 2018 09:37 AM (IST)
दुनिया में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर लगाम लगाने की दिशा में मिलेगी मदद
दुनिया में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर लगाम लगाने की दिशा में मिलेगी मदद

बीजिंग [आइएएनएस]। दुनिया भर में हो रही पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से पर्यावरण में कई तरह के असंतुलन पैदा हो गए हैं। जहां एक तरफ आधी दुनिया पानी को तरस रही है, वहीं कई देशों में बाढ़ जैसे हालात हैं। इसी तरह कुछ देशों में जहां गर्मी रिकॉर्ड तोड़ रही है, वहीं कुछ देश बहुत अधिक ठंड की चपेट में हैं। इसके पीछे एक बड़ा कारण पेड़ों की लगातार कटाई है। अब चीन के वैज्ञानिकों ने इसका विकल्प तलाश लिया है। दरअसल, उन्होंने बड़े पैमाने पर जैव-उत्प्रेरित कृत्रिम लकड़ी बनाने का नया तरीका ईजाद किया है। यह लकड़ी प्राकृतिक लकड़ी की तुलना में हल्की, लेकिन मजबूती में समान होगी।

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साइंस एडवांसेस नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में अच्छा प्रदर्शन करने वाले पॉलीमर मैटीरियल्स के साथ सूक्ष्म संरचना वाले सेलुलर के समान लकड़ी के बारे में बताया गया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, चीन के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (यूएसटीसी) के यू शुहोंग के नेतृत्व में एक शोध टीम ने स्व-समूहन और थर्मोक्यूरिंग प्रक्रिया द्वारा परंपरागत फेनोलिक राल और मेलामाइन राल को कृत्रिम लकड़ी के जैसी सामग्री में परिवर्तित किया।

शोधकर्ताओं द्वारा ईजाद इस नए तरीके से कृत्रिम लकड़ी तैयार करने में मदद मिलेगी। शोधकर्ताओं के मुताबिक, सबसे पहले तरल थर्मोसेट रेजिन को जमाकर सेलुलर आकृति के साथ हरी काया तैयार की गई। इसके बाद कृत्रिम पॉलीमर लकड़ी प्राप्त करने के लिए थर्मओर्कुंरग की गई। इससे इसके आकार और मोटाई को नियंत्रित करने में मदद मिली। शोधकर्ताओं का मकसद इसे इस तरह से तैयार करना था कि इसका प्रयोग विभिन्न चीजों में किया जा सके। इसलिए इसे पानी में भी टिकने लायक बनाया गया।

बढ़ी है पेड़ों की कटाई

आजकल मकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में इंटीरियर डेकोरेशन के कारण भी लकड़ी का प्रयोग काफी बढ़ गया है। इस कारण पेड़ों की कटाई भी बढ़ी है और लगातार पर्यावरण का संतुलन बिगड़ता ही जा रहा है।

ये हैं खासियत

शोधकर्ताओं के मुताबिक, कुदरती लकड़ी से इसकी तुलना करने पर सामने आया कि पानी और तेजाब में इसके टिकने की क्षमता अधिक है। वहीं, पानी और तेजाब के संपर्क में आने पर इसकी मजबूती पर भी कोई असर नहीं पड़ता है। इसके अलावा इसकी थर्मल इंसुलेशन और आग से बचने की क्षमता भी अधिक है।

यहां होगा प्रयोग

शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस कृत्रिम पॉलीमर लकड़ी का प्रयोग अन्य चीजों के साथ मिलाकर भी किया जा सकेगा। इसके अलावा इससे ऐसे घर तैयार किए जा सकेंगे, जिनमें आग लगने का खतरा भी कम होगा। इन्हें उन स्थानों पर प्रयोग किया जा सकेगा, जहां तापमान अधिक रहता है। इसके अलावा यह परंपरागत लकड़ी का स्थान लेने में सक्षम है, जिसके चलते पेड़ों की कटाई में कमी आएगी। 


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