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चीनी नौसेना को मिला नया इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विमान, कई नई तकनीकों से है लैस

चीन ने एक नए प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विमान का निर्माण किया है। यह दक्षिण और पूर्वी चीन समुद्र जैसे बड़े युद्ध क्षेत्रों को कवर कर सकते हैं

By Arti YadavEdited By: Published: Mon, 22 Jan 2018 03:32 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jan 2018 07:13 AM (IST)
चीनी नौसेना को मिला नया इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विमान, कई नई तकनीकों से है लैस
चीनी नौसेना को मिला नया इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विमान, कई नई तकनीकों से है लैस

बीजिंग। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन ने एक नए प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विमान का निर्माण किया है। यह एयरक्राफ्ट दक्षिण और पूर्वी चीन समुद्र जैसे बड़े युद्ध क्षेत्रों को कवर कर सकते हैं और आधुनिक युद्ध में नौसेना की क्षमताओं को बढ़ा सकते हैं। विमान को 10 साल के लिए विकसित किया गया है, इसके विंग्स के नीचे इलेक्ट्रॉनिक काउंटरमेशर्स (ईसीएम) पॉड से लैस है।

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चीन सेंट्रल टेलीविज़न ने पिछले हफ्ते में अपनी रिपोर्ट में कहा था यह पहला मौका है जब बॉम्बर ने इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में सहायक भूमिका निभाई। ईसीएम पॉड्स के साथ संशोधित एच -6 जी का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक जाम, दमन और विरोधी विकिरण के साथ युद्ध मिशन में किया जाएगा।

एक सैन्य विशेषज्ञ और टीवी कमेंटेटर ने राज्य सरकार के ग्लोबल टाइम्स को बताया कि इलेक्ट्रॉनिक फाइटर का मुख्य उपयोग दुश्मनों के इलेक्ट्रॉनिक जाम उपकरणों को रोकना के लिए किया जाएगा। एच -6 जी इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विमान उच्च इलेक्ट्रॉनिक जाम शक्ति का दावा करता है और दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर जैसे अपेक्षाकृत बड़े युद्ध क्षेत्रों को कवर कर सकता है।

सैन्य विशेषज्ञ ने कहा कि चीन ने उन्नत और मानकीकृत ईसीएम पॉड्स विकसित किए हैं जो युद्ध के लिए कई प्रकार के लड़ाकू विमानों को संशोधित करते हैं, जैसे कि जे -15 प्रकार लड़ाकू जेट्स। फाइटर में ईसीएम पॉड्स का इस्तेमाल अब तक का सबसे प्रभावी तरीका है। चीन की पीएलए नौसेना अपने युद्धपोतों और अन्य लड़ाकू जहाज़ों के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक लड़ाकू मिशनों के लिए विमानों को ले जाने और लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने के लिए के लिए इस तरह के ईएमसी फॉल्स तैनात करती है।

चीन दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर दोनों में क्षेत्रीय विवादों में उलझा हुआ है। बीजिंग ने इस क्षेत्र में कई द्वीपों पर अपनी सेना तैनात की हुई है। पूर्व चीन सागर और जापान के नियंत्रण में सेंकाकू द्वीपों पर चीन अपना दावा करता है। वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान में दक्षिण चीन सागर के ऊपर अपना दावा करते हैं। दोनों क्षेत्र खनिज, तेल और अन्य प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है और वे वैश्विक व्यापार के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।

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