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चीन की नीति में बड़े बदलाव के संकेत, पहली बार PoK को बताया भारत का हिस्सा

चीन ने पहली बार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को भारत का हिस्सा बताया है।

By Vikas JangraEdited By: Published: Thu, 29 Nov 2018 07:39 AM (IST)Updated: Thu, 29 Nov 2018 07:39 AM (IST)
चीन की नीति में बड़े बदलाव के संकेत, पहली बार PoK को बताया भारत का हिस्सा
चीन की नीति में बड़े बदलाव के संकेत, पहली बार PoK को बताया भारत का हिस्सा

नई दिल्ली, एजेंसी। भारत को लेकर चीन की नीति में बड़े बदलाव का संकेत मिला है। चीन ने पहली बार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को भारत का हिस्सा बताया है। सरकारी चैनल सीजीटीएन ने अपनी रिपोर्टिग के दौरान पीओके को भारत के नक्शे में दिखाया। अब तक चीन पीओके को पाकिस्तान का हिस्सा बताता रहा है। भारत लगातार उसकी इस नीति का विरोध करता रहा है।

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सरकारी चैनल सीजीटीएन ने शुक्रवार को पाकिस्तान के उच्च सुरक्षा वाले शहर कराची में चीनी वाणिज्य दूतावास पर हुए आत्मघाती हमले की खबर दिखाते हुए पीओके को भारतीय नक्शे में दर्शाया। नक्शे में पूरे जम्मू--कश्मीर को भारतीय प्रदेश के रूप में दिखाया गया।

यह स्पष्ट नहीं है कि चैनल ने यह कदम किसी विशेष नीति के तहत उठाया है, या गलती से। हालांकि जानकारों का मानना है कि चीन का सरकारी चैनल इस तरह की गलती नहीं कर सकता। चैनल पर सरकार के निर्देश के बिना इस तरह से कुछ दिखाया जाना संभव नहीं है।

Chinese Media PoK

पीओके को भारत का हिस्सा मानने की नीति से चीन--पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना पर भी असर पड़ सकता है। इस गलियारे का बड़ा हिस्सा पीओके से होकर गुजर रहा है। भारत ने इस परियोजना पर चीन और पाकिस्तान के समक्ष कई बार अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। इस परियोजना से पहले भी चीन ने पीओके में व्यापक निवेश किया है, जिस पर भारत सख्त आपत्ति जता चुका है।

दुनियाभर में अलग--थलग पड़े पाकिस्तान के साथ चीन की बढ़ती नजदीकी के दौर में उसकी नीति में यह बदलाव बड़े संकेत दे रहा है। कैबिनेट सचिवालय के पूर्व अधिकारी तिलक देवाशेर समेत कुछ अन्य पूर्व राजनयिकों का कहना है कि चीन का सरकारी चैनल गलती से ऐसा नहीं कर सकता।

निश्चित तौर पर अपने अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित चीन ने पाकिस्तान को सख्त संदेश देने की कोशिश की है। पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था से चीन हताश है। सीपीईसी में पीओके के महत्व को देखते हुए यह पाकिस्तान के लिए संकेत है। इस बदलाव पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया का इंतजार है।


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