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India China Border Dispute: चीन का रूख हुआ नरम, पूर्वी लद्दाख की घटना को अप्रिय मानकर उसे भुलाना चाहता है ड्रैगन

India China Border Dispute भारत के साथ संबंधों पर अपने लंबे जवाब में वांग ने चीनी सेना की वापसी के मसले पर चर्चा नहीं की। इससे साबित होता है कि चीन अब इसे एक अप्रिय घटना मानकर भूल जाना चाहता है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sun, 07 Mar 2021 08:37 PM (IST)Updated: Mon, 08 Mar 2021 06:58 AM (IST)
India China Border Dispute: चीन का रूख हुआ नरम, पूर्वी लद्दाख की घटना को अप्रिय मानकर उसे भुलाना चाहता है ड्रैगन
एलएसी में खूनी छड़प के बाद से दोनों ही देशों के बीच है तनाव

बीजिंग, प्रेट्र। चीन और भारत एक-दूसरे की अनदेखी नहीं कर सकते। इसलिए दोनों देशों को एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाने वाले कार्यो को रोक देना चाहिए। अच्छे वातावरण में सक्षम स्थितियां बनाकर सीमा संबंधी विवाद को दूर कर सहयोग को और मजबूत बनाया जाना चाहिए। यह बात चीन के विदेश मंत्री वांग ई ने कही है।

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पूर्वी लद्दाख में पैर वापस खींचने के बाद चीन अब महीनों के तनाव से हुए संबंधों के नुकसान की भरपाई में जुट गया है। विदेश मंत्री वांग ने कहा, सीमा विवाद ही दोनों देशों के संबंधों की पूरी कहानी नहीं है। चीन और भारत दोस्त और सहयोगी हैं लेकिन उनके बीच कुछ मसलों पर संदेह की स्थिति है। इस स्थिति से उबरकर दोनों देशों को देखना है कि वे अपने संबंधों का किस तरह से विकास कर सकते हैं और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बना सकते हैं।

वांग दोनों देशों के संबंध में वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने साफ किया कि सीमा विवाद हमें विरासत में मिला लेकिन यह दोनों देशों के संबंधों की पूरी कहानी नहीं है। महत्वपूर्ण बात यह है कि दोनों देश इस विवाद समेत अन्य विवादों को उचित तरीके सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही आपसी संबंधों के विकास के लिए भी कार्य कर रहे हैं।

दोनों ही मसलों पर भारत का पक्ष साबित हुआ मजबूत

भारत के साथ संबंधों पर अपने लंबे जवाब में वांग ने चीनी सेना की वापसी के मसले पर चर्चा नहीं की। इससे साबित होता है कि चीन अब इसे एक अप्रिय घटना मानकर भूल जाना चाहता है। डोकलाम की घटना के बाद पूर्वी लद्दाख दूसरा मसला है जिसमें चीन को अपने पैर वापस खींचने पड़े हैं। दोनों ही मसलों पर भारत का पक्ष मजबूत साबित हुआ है।

विदेश मंत्री वांग ने हाल ही में अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर के साथ टेलीफोन पर 75 मिनट लंबी बातचीत की है। शुक्रवार को चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिस्त्री ने बीजिंग में चीन के उप विदेश मंत्री ल्यूओ झाओई के साथ वार्ता कर पूर्वी लद्दाख पर दोनों देशों की सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी करने के संबंध में बात की थी।


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