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    रुक नहीं रही ताइवानी क्षेत्र में चीनी लड़ाकू विमानों की घुसपैठ, ताइवान ने किया आगाह, विदेश मंत्री ने जताई अनहोनी की आशंका

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Sun, 20 Mar 2022 07:18 PM (IST)

    ताइवान के हवाई क्षेत्र में चीनी विमानों की घुसपैठ रुकने का नाम नहीं ले रही है। बार बार हो रही इन हरकतों को लेकर ताइवान पर चीनी हमले की आशंकाएं मजबूत होने लगी है। वहीं ताइवान ने चीन को ऐसी हरकतों पर आगाह किया है।

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    चीन ने एकबार फ‍िर ताइवान के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की है।

    ताइपे, एएनआइ। यूक्रेन पर रूसी हमले से चीन का मनोबल बढ़ता नजर आ रहा है। चीन के दो लड़ाकू और दो बमवर्षक विमानों ने शनिवार को ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में दाखिल हुए। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि चीन के शेनयांग जे-11 और शेनयांग जे-16 लड़ाकू विमानों के साथ दो शीआन एच-6 बमवर्षक विमानों ने ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में घुसपैठ की। चीन की ओर से बार बार हो रही ऐसी कार्रवाइयों को लेकर ताइवान ने उसे आगाह किया है।

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    ताइवान न्‍यूज के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआइ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू (Joseph Wu) ने चीन को अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था बदलने के खिलाफ चेतावनी दी। उन्‍होंने आस्ट्रेलिया के स्काई न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि चीन अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को बदलना चाहता है और ताइवान के साथ साथ इंडो-पैसिफिक में अपनी सत्तावादी व्यवस्था फैलाना चाहता है। ऐसे में चीनी हमले से यदि ताइवान गिरता है तो बाकी क्षेत्र प्रभावित होंगे। हम ताइवान की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए संघर्ष करेंगे।

    ताइवानी राष्‍ट्रपति के प्रवक्ता जेवियर चांग ने चीन से हिंद-प्रशांत में शांति और स्थिरता बनाए रखने की अपील की। उन्‍होंने कहा कि ताइवान जलडमरूमध्य और इंडो-पैसिफिक में शांति और स्थिरता सभी क्षेत्रीय देशों की जिम्मेदारी है। सनद रहे इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन इस मसले पर अपने चीनी समकक्ष शी चिनफ‍िंग को आगाह कर चुके हैं। हाल ही में टेलीफोन पर हुई वार्ता में बाइडन ने ताइवान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया था।

    वहीं लगभग 90 फीसद जापानियों ने एक सर्वेक्षण में जापान की सुरक्षा के लिए संभावित खतरों और ताइवान पर चीन हमले की आशंका को लेकर चिंता जताई है। जापानी अखबार मैनिची शिंबुन और सेंटर फार सोशल रिसर्च की ओर से किए गए सर्वेक्षण के अनुसार 46 फीसद उत्तरदाताओं ने कहा कि वे जापान की सुरक्षा के लिए चीन से खतरों के बारे में चिंतित हैं। इस सर्वेक्षण में 1,040 जापानी लोगों ने भाग लिया।