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चीन की अदालत ने 25 स्कूली बच्चों को जहर देने के आरोप में टीचर को दी सजा-ए मौत

हेनान प्रांत के जियाज़ुओओ इंटरमीडिएट पीपुल्स कोर्ट द्वारा एक फैसले के अनुसार वांग युन ने दलिया में नाइट्राइट मिला दिया था। 27 मार्च 2019 को नाश्ते के लिए बच्चों को परोसा गया था। दलिया खाने वाले छात्रों को उल्टी होने लगी और उन्हें अस्पताल भेज दिया गया।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 01:16 PM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 01:16 PM (IST)
चीन की अदालत ने 25 स्कूली बच्चों को जहर देने के आरोप में टीचर को दी सजा-ए मौत
चीन के किंडरगार्टन स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की फाइल फोटो।

हांगकांग, एनवाइटी। मध्य चीन की एक अदालत ने एक किंडरगार्टन (बालवाड़ी) शिक्षक को सजा-ए-मौत की सजा सुनाई है। इस शिक्षक पर दो दर्जन विद्यार्थियों को जहर देने और अपने एक सहयोगी के साथ विवाद के बाद हत्या करने का आरोप है। शिक्षक का नाम वांग युन है।

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हेनान प्रांत के जियाज़ुओओ इंटरमीडिएट पीपुल्स कोर्ट द्वारा एक फैसले के अनुसार, वांग युन ने दलिया में नाइट्राइट मिला दिया था। इस दलिया को 27 मार्च, 2019 को नाश्ते के लिए बच्चों को परोसा गया था। दलिया खाने वाले कई छात्रों को उल्टी होने लगी और उन्हें अस्पताल भेज दिया गया। अदालत ने कहा कि जहर खाने वाले 25 लोगों में से एक की मौत हो गई और 23 अन्य बीमार पड़ गए थे।

दरअसल वांग युन ने बच्चों ने एक प्रतियोगिता के दौरान दूसरे पक्ष से विवाद कर लिया था। प्रतियोगिता छात्र प्रबंधन प्रश्नों (Student management questions) पर आधारित थी। इसी पर स्टूडेंट के दो वर्गों में विवाद हो गया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा वांग ने अपने प्रतिद्वंद्वी वर्ग को जहर देने की मांग की थी। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि वांग युन के आपराधिक इरादे नीच प्रवृत्ति के हैं, उसकी शातिरता बहुत गहरी है। उसके आपराधिक तरीके और साजिश बेहद खराब हैं और परिणाम विशेष रूप से गंभीर हैं। इस वजह से उसे कानून के अनुसार सख्त सजा दी जानी चाहिए।

अदालत ने कहा कि 2017 में, वांग ने अपने पति को एक वॉटर ग्लास में नाइट्राइट जहर देकर मार दिया था। वह बीमार था लेकिन बच गया। नाइट्राइट एक प्रकार का नमक है जिसका उपयोग अक्सर मीट को ठीक करने में किया जाता है। चीन के स्कूलों में शस्त्रों को लाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है इस वजह से वहां पर गोलीबारी में स्टूडेंट की मौत के मामले सामने नहीं आते हैं मगर वहां सामूहिक हत्या के लिए इस तरह की चीजें की जाती है। बच्चों को जहर देकर मारने का प्लान बनाया जाता है।

साल 2018 में शंघाई के एक प्राथमिक विद्यालय के बाहर दो छात्रों की चाकू से हत्या कर दी गई थी। एक अन्य चाकू हमलावर ने प्राथमिक विद्यालय के दो छात्रों की हत्या कर दी। पिछले साल इसी तरह से चाकू के हमले में हुनान प्रांत में दो और स्टूडेंट घायल हो गए थे। स्कूलों में बच्चों को जहर देकर मारने के लिए कभी-कभी इस तरह के जहर देकर मारने के हथियार का इस्तेमाल किया जाता है। 

ये पहला मामला नहीं है जब स्कूल के बच्चों को इस तरह से जहर देकर मारने की कोशिश की गई हो, इससे पहले साल 2014 में युन्नान प्रांत में किंडरगार्डन स्कूल में ही दो बच्चों की मौत हो गई थी और 30 अन्य बीमार हो गए थे। यहां एक पूर्व सुरक्षा गार्ड ने बच्चों को दिए जाने वाले नाश्ते में जहर मिला दिया था। एक साल पहले 2018 में भी हेबै प्रांत में दो लड़कियों की मौत हो गई थी, यहां एक किंडरगार्टन के संचालकों ने एक प्रतिद्वंद्वी स्कूल के साथ विवाद में बच्चों को दही में जहर मिलाकर दे दिया था।  


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