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चीन में निजी क्षेत्र पर पकड़ मजबूत करने को कम्युनिस्ट पार्टी ने बनाए दिशानिर्देश, दिया यह बयान

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की सेंट्रल कमेटी ने चीन के निजी क्षेत्र के कारोबार पर पकड़ मजबूत करने का फैसला किया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 06:01 AM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 06:01 AM (IST)
चीन में निजी क्षेत्र पर पकड़ मजबूत करने को कम्युनिस्ट पार्टी ने बनाए दिशानिर्देश, दिया यह बयान
चीन में निजी क्षेत्र पर पकड़ मजबूत करने को कम्युनिस्ट पार्टी ने बनाए दिशानिर्देश, दिया यह बयान

नई दिल्ली, आइएएनएस। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की सेंट्रल कमेटी ने चीन के निजी क्षेत्र के कारोबार पर पकड़ मजबूत करने का फैसला किया है। इस बाबत दिशानिर्देशों की सूची बनाई गई है और निजी क्षेत्र से अपेक्षा की गई है कि वह उसका पालन करे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अब अपना आधार बड़ा आकार लेते निजी क्षेत्र में भी विकसित करना चाहती है, कार्यरत लोगों को वैचारिक रूप से जोड़ना चाहती है।

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कम्युनिस्ट पार्टी ने इसे यूनाइटेड फ्रंट वर्क का नाम दिया है। कहा गया है कि पार्टी इसके जरिये निजी क्षेत्र में काम कर रहे लोगों में बुद्धिमत्ता और राष्ट्र के प्रति प्रेम बढ़ाना चाहती है। इसके लिए पार्टी ने लक्ष्य निर्धारित कर दिए हैं। 100 से ज्यादा बिंदुओं वाले दिशानिर्देशों का मकसद निजी क्षेत्र में कार्यरत लोगों को कम्युनिस्ट पार्टी की विचारधारा से मजबूती से जोड़ना है जिससे आने वाले दिनों में देश में किसी अन्य विचारधारा को पनपने का मौका ही न मिले।

कम्युनिस्ट पार्टी के बयान में कहा गया है कि वह चाहती है कि समाजवादी चरित्र देश के हर व्यक्ति में पैदा हो जाए। इससे देश को नए युग की चुनौतियों का सामना करने में आसानी होगी। ऐसे में जबकि निजी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था निरंतर बढ़ रही है, तब खतरे और चुनौतियां भी बढ़ रहे हैं। निजी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था के हितों का दायरा भी अपना रूप और आकार बदल रहा है। नए दिशानिर्देश इसी को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। यूनाइटेड फ्रंट वर्क से देश, समाज और निजी क्षेत्र और मजबूत होंगे। लोगों में बुद्धिमत्ता और वैचारिकता का विकास होगा।

दरअसल चीन पूरी दुनिया पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है। चीन अपने मकसद को अंजाम देने के लिए अपने तथाकथित मित्र देशों को भी बख्‍सने के मूड में नहीं है। चीन की चालबाजी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है क्‍योंकि जो नेपाल उसकी दोस्ती के गीत गुनगुना रहा था... चीन उसी की जमीन हड़प रहा है। चीन ने नेपाल के हुमला क्षेत्र में अवैध कब्जा कर नौ इमारतें खड़ी कर ली हैं। नेपाली मीडिया में चीनी घुसपैठ की तस्वीरें आने के बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली दबाव में आ गए हैं। बहरहाल, इसकी जानकारी गृह और विदेश मंत्रालय को दी गई है।

नेपाल की वेबसाइट 'खबरहब' के मुताबिक, हुमला के सहायक मुख्य जिला अधिकारी दलबहादुर हमाल ने स्थानीय मीडिया की खबरों के आधार पर जिले के सुदूर लापचा-लिमी क्षेत्र का दौरा किया। 30 अगस्त से नौ सितंबर के बीच इस निरीक्षण के दौरान उन्हें नेपाल की जमीन पर चीन की नौ इमारतें दिखीं। अब चीन के लोग नेपाली नागरिकों को इन इमारतों के पास नहीं आने दे रहे हैं। लापचा-लिमी एक पिछड़ा हुआ इलाका है। यहां नेपाली सुरक्षाकर्मी भी नहीं रहते। चीन ने इसी का फायदा उठाया और नेपाल की सरहद में एक किलोमीटर तक अंदर तक घुस आया है।


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