Move to Jagran APP

संक्रमण के स्रोत का पता लगाने से रोक रहा चीन, चमगादड़ों पर अनुसंधान करने वाली टीम के नमूने किए जब्त, पत्रकारों को भी रोका

चीन की शी चिनफिंग सरकार कोरोना संक्रमण के स्रोत का पता लगाने वालों को इससे रोक रही है। यही नहीं चीन की सरकार ने चमगादड़ों पर अनुसंधान करने वाली टीम के नमूने जब्त कर लिए हैं और पत्रकारों को भी रोक रही है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 30 Dec 2020 07:53 PM (IST)Updated: Wed, 30 Dec 2020 07:53 PM (IST)
संक्रमण के स्रोत का पता लगाने से रोक रहा चीन, चमगादड़ों पर अनुसंधान करने वाली टीम के नमूने किए जब्त, पत्रकारों को भी रोका
चीन की शी चिनफिंग सरकार कोरोना संक्रमण के स्रोत का पता लगाने वालों को इससे रोक रही है।

बीजिंग, एपी। दक्षिण चीन में घने जंगलों से घिरी घाटियों में खदानों की सुरंग है जिसमें चमगादड़ों का जमावड़ा होता था। इन्हें अब तक कोरोना का सबसे करीबी स्रोत माना जाता है। इस इलाके को लेकर बहुत रुचि है क्योंकि यहां पर कोरोना वायरस के स्रोत के संकेत मिल सकते हैं। इस बीमारी ने दुनियाभर में 17 लाख से अधिक लोगों की जान ले ली है लेकिन यह राजनीतिक संवेदनशीलता की वजह से सूचना के लिहाज से 'ब्लैक होल' बन गया है।

loksabha election banner

पत्रकारों को जाने से रोका

इस मामले की जानकारी रखने वाले दो लोगों के मुताबिक चमगादड़ों पर अनुंसधान करने वाली टीम हाल में यहां पहुंची थी लेकिन उनके द्वारा एकत्र नमूनों को जब्त कर लिया गया। इतना ही नहीं नवंबर के आखिरी में समाचार एजेंसी (एसोसिएटेड प्रेस) पत्रकारों को सादे कपड़ों में पुलिस ने पीछा किया और इलाके में जाने से रोक दिया।

नियंत्रण के लिए सख्‍ती

कोरोना वायरस से इंसानों के संक्रमित होने की पहली घटना के एक वर्ष पूरा होने को है, लेकिन विभिन्न मीडिया संस्थानों द्वारा की गई जांच यह दिखाती है कि चीन की सरकार इस वायरस के स्रोत से जुड़े सभी शोध पर कड़ाई से नियंत्रण कर रही है और उन सिद्धांतों को बढ़ावा दे रही है, जिसमें वायरस की उत्पत्ति विदेश से होने की बात कही गई है।

चिनफिंग सरकार के इशारे पर हो रहा काम

गोपनीय दस्तावेजों के मुताबिक सरकार वैज्ञानिकों के रिसर्च की निगरानी कर रही है और यह अनिवार्य कर रही है कि रिसर्च पेपरों को प्रकाशित करने से पहले राष्ट्रपति शी चिनफिंग के अधीन कार्यरत कैबिनेट द्वारा प्रबंधित नए कार्यबल से पहले उन्हें अनुमोदित कराया जाए। सरकार के भीतर से दस्तावेजों के लीक होने की दुलर्भ घटना के तहत दर्जनों अप्रकाशित दस्तावेज सामने आए जो लंबे समय से जताई जा रहीं आशंकाओं की कथित तौर पर पुष्टि करते हैं कि यह कठोर नीति शीर्ष से लागू की जा रही है।

जानकारियां छिपाना पुरानी फितरत

मीडिया की जांच चीनी और विदेशी वैज्ञानिकों व अधिकारियों के साक्षात्कार के अलावा, सार्वजनिक नोटिस, लीक हुए ई-मेल, चीन की राज्य परिषद और चीन के रोग नियंत्रण एवं उन्मूलन केंद्र (सीडीसी) के अप्रकाशित दस्तावेजों पर आधारित है। इससे यह पता चलता है कि महामारी की अवधि में सरकार की गोपनीयता एवं शीर्ष से नियंत्रण की परिपाटी रही।

बना रहा यह बहाना

पहचान गोपनीय रखते हुए सीडीसी में कार्यरत एक विशेषज्ञ ने बताया, 'वे कुछ लोगों को ही चुनते हैं जिनपर वे भरोसा कर सकते हैं और जिन्हें वे नियंत्रित कर सकें।' इस संबंध में चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि वायरस दुनिया के कई हिस्से में मिले हैं और वैश्विक आधार पर इस पर शोध होना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.