जी-20 में हांगकांग का मसला नहीं उठने देगा चीन, करेगा अमेरिका की कोशिशों का विरोध
27-28 जून को जापान में होगी जी-20 के सदस्य देशों की बैठक। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने की है हांगकांग पर चर्चा की तैयारी। चीन ने कहा - आंतरिक मामलों में बोलने का किसी को हक नहीं।
बीजिंग, प्रेट्र। चीन ने कहा है कि वह इस हफ्ते होने जा रही जी-20 देशों की बैठक में हांगकांग के मसले पर चर्चा की अनुमति नहीं देगा। एक विवादित प्रत्यर्पण कानून को लेकर हाल में हांगकांग में लाखों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और अन्य सदस्य देशों के समक्ष यह मुद्दा उठाने की तैयारी में हैं।
जी-20 देशों का सम्मेलन 27-28 जून को जापान के ओसाका में होगा। चीन ने कहा है कि वह सम्मेलन के दौरान हांगकांग का मुद्दा उठाने की अमेरिका समेत किसी भी देश की कोशिश का विरोध करेगा। चीन के सहायक विदेश मंत्री झांग जून ने कहा कि जी-20 वैश्विक आर्थिक मुद्दों पर चर्चा का मंच है। हांगकांग चीन का विशेष क्षेत्र है और किसी भी दूसरे देश को इसके मामले में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है।
उल्लेखनीय है कि हांगकांग में पिछले दिनों एक विवादित प्रत्यर्पण विधेयक पेश किया गया था। इसके तहत आरोपितों को चीन प्रत्यर्पित करने का प्रावधान था। इस विधेयक के विरोध में यहां जबर्दस्त प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस को रबर बुलेट और आंसू गैस का इस्तेमाल भी करना पड़ा। इस विधेयक और प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई की अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूहों ने आलोचना की थी। ऐतिहासिक विरोध प्रदर्शन के बाद हांगकांग की सरकार ने विधेयक पर रोक लगा दी थी।
हांगकांग की नेता कैरी लेम ने इस मुद्दे पर किसी भी तरह के चर्चा को अनिश्चित काल के लिए रोक दिया है। हालांकि प्रदर्शनकारी विधिवत रूप से कानून में बदलाव के प्रस्ताव को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। कुछ प्रदर्शनकारी लेम का इस्तीफा भी चाहते हैं।
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