चीन में मुस्लिमों को बंदी बनाकर किया जा रहा ब्रेनवॉश
चीन में हजारों मुस्लिमों को 'फिर से शिक्षा' देने के नाम पर शिविर में यातनाएं दी जा रही हैं और उनका ब्रेनवॉश किया जा रहा है।
हॉन्गकॉन्ग (एएनआइ)। ईसाई धर्म के बाद अब इस्लाम धर्म चीन में सरकार के निशाने पर आ गया है। चीन के झिंजियांग इलाके में बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी निशाने पर है। हालांकि सही से अंदाजा लगाना मुश्किल है लेकिन एक अनुमान के मुताबिक कई हजार लोग यहां कैद हैं। हजारों मुसलमानों को असाधारण हिरासत केंद्रों और 'फिर से शिक्षा शिविरों' में कैद किया गया है। मानव अधिकार निगरानी संस्था का दावा है कि करीब 8 लाख मुस्लिमों को यहां बंदी बनाकर रखा गया है। उदाहरण के तौर पर अकेले मोयू काउंटी से करीब 40 फीसद वयस्क मुस्लिम लापता हैं।
वहीं, आमतौर पर चीन के अधिकारी ऐसे शिविरों के बारे में पूछे जाने पर चुप्पी साध लेते हैं या फिर दावा करते हैं कि 'पुनर्शिक्षा' जैसे कोई शिविर हैं ही नहीं। इतना ही नहीं चीन के विदेश मंत्रालय का भी दावा है कि उन्होंने ऐसे शिविरों के बारे में 'कुछ नहीं सुना' है।
हालांकि, रेडियो फ्री एशिया ने चीन के अधिकारी के हवाले से कहा है "आप मैदान में फसलों के बीच छिपी हुई सभी खरपतवारों को एक-एक करके उखाड़ फेंक नहीं सकते - आपको उन सभी को मारने के लिए रसायनों को स्प्रे करने की ज़रूरत है। इन लोगों को सशक्त बनाना फसलों पर रसायनों को छिड़काव करना है। यही कारण है कि यह एक सामान्य शिक्षा है, कुछ लोगों तक ही सीमित नहीं है।"
सोच बदलने का काम हो रहा है !
यूरोपियन स्कूल ऑफ कल्चर एंड थियोलॉजी के एड्रियन जेनज़ का कहना है कि इन शिविरों में तीन तरीके से मुस्लिमों की सोच बदलने पर काम हो रहा है। ये तरीक हैं शिक्षा प्रशिक्षण केंद्र, कानूनी प्रणाली स्कूल और पुनर्वास सुधार केंद्र।
इतना ही नहीं जब इन लोगों को खाना दिया जाता था तो उससे पहले उन्हें "धन्यवाद पार्टी! धन्यवाद मातृभूमि! धन्यवाद राष्ट्रपति शी!" कहना पड़ता था। ऐसा न करने पर घंटो खड़े रखना, एकांत रूप से कैद में डाल देना या खाना न देने जैसी सजाएं दी जाती थीं।