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पाकिस्तान को आर्थिक संकट से उबारेगा चीन, मदद का दिया आश्वासन

चीन ने एक बार फिर पाकिस्तान का समर्थन देने की बात दोहराई है, जिसके तहत चीन और पाकिस्तान के बीच 16 अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुआ हैं।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Sat, 03 Nov 2018 03:22 PM (IST)Updated: Sat, 03 Nov 2018 03:22 PM (IST)
पाकिस्तान को आर्थिक संकट से उबारेगा चीन, मदद का दिया आश्वासन
पाकिस्तान को आर्थिक संकट से उबारेगा चीन, मदद का दिया आश्वासन

बीजिंग, पीटीआइ। चीन ने एक बार फिर पाकिस्तान का समर्थन देने की बात दोहराई है, जिसके तहत चीन और पाकिस्तान के बीच 16 अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। चीन ने पाकिस्तान को वर्तमान आर्थिक संकट से उबारने के लिए जरूर मदद उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। चीन के एक शीर्ष अधिकारी ने शनिवार को पाकिस्तान की ओर दोस्ती को हाथ बढ़ाते हुए हरसंभव मदद करने का भरोसा जताया।

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बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान चीन के चार दिवसीय दौरे पर हैं। जहां शुक्रवार को इमरान खान ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने जिनपिंग के सामने पाकिस्तान के आर्थिक हालात को लेकर बात की। साथ ही वे चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग से भी मिले और रणनीतिक रिश्तों को मजबूत बनाने पर चर्चा की। इसके बाद दोनों देशों ने 16 करार पर हस्ताक्षर किए।

चीन के प्रधानमंत्री ने खान का स्वागत करते हुए कहा कि आप कह सकते हैं कि चीन और पाकिस्तान हर वक्त के साझीदार हैं। क्विंग ने कहा, 'हमारे बीच बहुत अधिक राजनीतिक विश्वास है और सभी क्षेत्रों में करीबी सहयोग संबंध है। चीन अपनी विदेश नीति के तहत हमेशा से पाकिस्तान को प्राथमिकता देता आया है। आपकी यात्रा से दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे।'

वहीं इमरान खान ने कहा, '2013 में सीपीइसी केवल एक विचार था और तब से अब तक दोनों देशों के रिश्ते में अधिक गहराई आई है। अब यह जमीन पर उतर चुका है। पाकिस्तान के लोगों को यह परिकल्पना पसंद आई है।' खान ने कहा कि उनका देश चीन में प्रगति और निवेश को आमंत्रित करने के अवसर देखता है।

गौरतलब है कि बतौर प्रधानमंत्री इमरान खान की ये पहली चीन यात्रा है। माना जा रहा है कि उनकी इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच कई अरब डॉलर के सीपीइसी परियोजना को लेकर मतभेदों को दूर करना है। इसके अलावा वह ‘मित्र देशों’ से संपर्क साध रहा है, ताकि उसे कड़े शर्तों पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) से राहत राशि नहीं लेनी पड़े। जाहिर है कि चीन और पाकिस्तान की बढ़ती नजदीकियां कहीं न कहीं भारत के लिए परेशानी का सबब बन सकती है।


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