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रूस और यूक्रेन के बीच शांति प्रयास के लिए दोनों देशों में चीन भेजेगा विशेष दूत, अगले सप्ताह शुरू होगी यात्रा

रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष में राजनीतिक हल निकालने के लिए चीन अगले सप्ताह यूक्रेन और रूस दोनों देशों में एक विशेष दूत भेजेगा। वांग ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि संबंधित देशों में चीनी प्रतिनिधि की यात्रा शांति और बातचीत को बढ़ावा देगा।फाइल फोटो।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaPublished: Fri, 12 May 2023 05:39 PM (IST)Updated: Fri, 12 May 2023 05:39 PM (IST)
रूस और यूक्रेन के बीच शांति प्रयास के लिए दोनों देशों में चीन भेजेगा विशेष दूत, अगले सप्ताह शुरू होगी यात्रा
रूस और यूक्रेन के बीच शांति प्रयास के लिए दोनों देशों में चीन भेजेगा विशेष दूत।

बीजिंग, एपी। रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष में राजनीतिक हल निकालने के लिए चीन अगले सप्ताह यूक्रेन और रूस दोनों देशों में एक विशेष दूत भेजेगा। चीनी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि चीन के यूरोप और एशिया मामलों के विशेष प्रतिनिधि और मॉस्को में पूर्व राजदूत ली हुई (Li Hui) इस दौरान पोलैंड, फ्रांस और जर्मनी की भी यात्रा करेंगे।

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चीनी प्रतिनिधि की यात्रा शांति को देगा बढ़ावा

वांग ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि संबंधित देशों में चीनी प्रतिनिधि की यात्रा शांति और बातचीत को बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि चीन रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध की स्थिति को बढ़ने से रोकना चाहता है। मालूम हो कि ली की इन सभी देशों की यात्रा अगले साल शुरू होने वाली है। हालांकि, इस संबंध में अभी किसी भी कार्यक्रम को जारी नहीं किया गया है।

चीनी राष्ट्रपति ने की थी राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर वार्ता

मालूम हो कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पिछले माह अपने यूक्रेनी समकक्ष से फोन पर बात की थी, जिसके कारण कूटनीतिक मंच तैयार करने में मदद मिली है। बीजिंग ने पहले दोनों देशों के बीच जारी संघर्षों में शामिल होने से इनकार कर दिया था। हालांकि, मार्च में सऊदी अरब और ईरान के बीच बातचीत की व्यवस्था करने के बाद खुद को एक वैश्विक राजनयिक बल के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहा है।

रूस के साथ चीन की मैत्रिपुर्ण संबंध

रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के बाद अमेरिका और उसके कई सहयोगियों ने रूस से तेल और गैस खरीदना बंद कर दिया था। हालांकि, चीन मास्को के साथ मैत्रिपुर्ण संबंध होने के साथ-साथ बड़े पैमाने पर तेल और गैस की खरीद करता रहा है।


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