ताइवान को लेकर चीन तेजी से कर रहा सैन्य तैयारियां, 2027 या उससे पहले ही छेड़ सकता है युद्ध
ताइवान को लेकर चीन की आक्रामकता दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। हाल के वर्षों के दौरान ताइवान एक चिंताजनक मुद्दा बन गया है। इसकी कई वजहें हैं। चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानी पीएलए बार बार ताइवान के हवाई क्षेत्रों में घुसपैठ कर रही है।
हांगकांग, एएनआइ। ताइवान को लेकर चीन की आक्रामकता दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। हाल के वर्षों के दौरान ताइवान एक चिंताजनक मुद्दा बन गया है। इसकी कई वजहें हैं। चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानी पीएलए बार बार ताइवान के हवाई क्षेत्रों में घुसपैठ कर रही है। खासकर समुद्री गतिविधियों को लेकर उसका रवैया टकराव बढ़ाने वाला है। जानकारों ने कहा कि ताइवान को लेकर चीन के आक्रामक रवैये का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पीएलए की ओर से 2027 या उससे पहले हमला करने की आशंकाएं बढ़ गई हैं।
अमेरिकी इंडो-पैसिफिक कमांड के प्रमुख एडमिरल फिलिप डेविडसन ने अमेरिकी कांग्रेस को चेतावनी दी कि 2027 या उससे पहले चीनी हमला हो सकता है। उन्होंने कहा कि मुझे चिंता है कि चीन 2050 तक संयुक्त राज्य अमेरिका और नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में अमेरिकी नेतृत्व की भूमिकाओं को बदलने की अपनी महत्वाकांक्षाओं को तेज कर रहे हैं। ताइवान स्पष्ट रूप से उनकी महत्वाकांक्षाओं में शामिल है। ऐसा लग रहा है कि खतरा इस दशक के दौरान या अगले छह वर्षों में नजर आ सकता है।
एडमिरल डेविडसन मौजूदा स्थितियां चीन को एकतरफा रूप से यथास्थिति को बदलने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है। चीन की ओर से ऐसा कुछ किया जाए इससे पहले हमारी सेना को एक प्रभावी प्रतिक्रिया देने में सक्षम होना चाहिए। हाल ही में अमेरिकी रक्षा मंत्री लायड अस्टिन ने भी चीन को लेकर एक गंभीर आशंका जताई थी। उन्होंने कहा था कि बीते चार दिसंबर को चीनी लड़ाकू विमान ताइवान के नजदीक थे। मैं अटकलबाजी नहीं निश्चित तौर पर इसे एक रिहर्सल के रूप में देखता हूं। अमेरिका ताइवान का मजबूती से समर्थन करता रहेगा।
सनद रहे कि अमेरिका की ताइवान से नजदीकी भी चीन को खटक रही है। चीन अक्सर अमेरिका से ताइवान से दूरी बनाए रखने की हिदायतें देता रहा है। हाल ही में पेंटागन द्वारा जारी चाइना मिलिट्री पावर रिपोर्ट में हैरान करने वाले खुलासे किए गए हैं। इसमें कहा गया है पीएलए ताइवान को लेकर बड़ी तैयारी में जुटा हुआ है। मालूम हो कि चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता है जबकि ताइवान खुद को एक स्वंतत्र देश के तौर पर पेश कर रहा है। चीन कई बार धमकी दे चुका है कि ताइवान को अपने में मिलाने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकता है। भले ही इसके लिए उसे युद्ध ही करना क्यों ना पड़े।