China-Taiwan Conflict: चीनी श्वेत्र पत्र ने बढ़ाई ताइवान की चिंताएं, देश पर कब्जा करने के लिए करेगा सैन्य बल का इस्तेमाल
China-Taiwan Conflict अमेरिकी हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद चीन-ताइवान के बीच स्थिति लगातार बिगड़ती ही जा रही है। दोनों ही देश एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। इस बीच चीन ने श्वेत पत्र जारी कर ताइवान पर अपने दावों को फिर से दोहराया है।
बीजिंग, एजेंसी। China-Taiwan Conflict- भले ही चीन ने अपने सैन्य अभ्यास को खत्म कर दिया है। लेकिन इस बीच ताइवान के मुद्दे पर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा एक श्वेत पत्र जारी किया गया है। इस श्वेत पत्र में कहा गया है कि ताइवान को मुख्य भूमि में फिर से जोड़ने के लिए बीजिंग बल का प्रयोग करेगा। चीन ने श्वेत पत्र ऐसे समय में जारी किया है। जब हाल ही में चीन ने ताइवान के पास एक सप्ताह तक चले सैन्य अभ्यास को खत्म करने की घोषणा की है।
चीन ने ताइवान पर अपने दावों को दोहराया
चीन ने बुधवार को 'ताइवान पर सवाल और एक नए युग में चीन का पुनर्मिलन' शीर्षक से एक श्वेत पत्र जारी किया है। जिसमें 22 मिलियन से अधिक लोगों के साथ स्व-शासित द्वीप पर अपने दावों को दोहराया गया है। श्वेत पत्र में दावा किया कि हमारा अंतिम लक्ष्य चीन के शांतिपूर्ण पुनर्मिलन की संभावनाओं को सुनिश्चित करना और इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाना है। साथ ही ये भी कहा कि अंतिम उपाय के तहत गैर-शांतिपूर्ण साधन अंतिम विकल्प होगा। हालांकि, चीन ने बल प्रयोग को त्यागने का वादा नहीं करने की भी धमकी दी।
पहले भी जारी किए गए हैं श्वेत पत्र
इससे पहले भी चीन की ओर से ताइवान मुद्दे को लेकर श्वेत्र पत्र जारी किए गए हैं। 1993 में जारी पहले श्वेत पत्र और वर्ष 2000 में सामने आए दूसरे श्वेत पत्र में भी चीन की ओर से कई दावे किए गए थे। पहले के श्वेत पत्रों में वादा किया गया था कि केंद्र सरकार ताइवान में सेना और प्रशासनिक कर्मियों को नहीं भेजेगी। लेकिन नए श्वेत पत्र में इस तरह का कोई भी वादा नहीं किया गया है।
अमेरिकी हाउस स्पीकर की यात्रा के बाद बढ़ा तनाव
चीन ने अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद सैन्य अभ्यास शुरू किया था। हालांकि, कुछ दिनों बाद चीन ने ताइवान जलडमरूमध्य में अपना सैन्य अभ्यास समाप्त कर दिया। साथ ही जब अभ्यास समाप्त हुआ तो श्वेत पत्र जारी किया गया। इतना ही नहीं, ताइवान मुद्दे पर 2000 के श्वेत पत्र में सीसीपी ने वादा किया था कि जब तक ताइवान से किसी भी मुद्दे पर बातचीत की जा सकती है, लेकिन वह एक चीन को स्वीकार कर ले और वादा करे कि स्वतंत्रता का राग नहीं अलापेगा।
मेनलैंड अफेयर्स काउंसिल ने की श्वेत पत्र की निंदा
श्वेत पत्र से पता चलता है कि चीन के लिए "एक-चीन" नीति के बारे में बात करने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि सीसीपी अब ताइवान की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) के नेतृत्व वाली त्साई इंग-वेन सरकार से 'वन चाइना' को मान्यता देने की उम्मीद नहीं करता है। चीनी श्वेत पत्र त्साई इंग-वेन की सरकार के लिए एक सार्वजनिक खतरा है। वहीं, ताइवान की मेनलैंड अफेयर्स काउंसिल (MAC) ने श्वेत पत्र-2022 की निंदा करते हुए इसे इच्छाधारी सोच से भरा और तथ्यों की अवहेलना वाला बताया है। उन्होंने कहा कि चीन ने ताइवान जलडमरूमध्य और पूरे क्षेत्र की शांति पर आक्रमण करने की बीजिंग की अभिमानी सोच को और उजागर किया है।