India China Tension: पैंगोंग झील के उत्तर में चीन ने शुरू किया निर्माण कार्य, दक्षिण में डटी है भारतीय सेना
पैगोंग झील के दक्षिण में भारत के सैनिक है तो उत्तर में चीन ने अपना निर्माण कार्य शुरू कर दिया है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास स्थित पैंगोंग झील के दक्षिण में भारत का वर्चस्व है तो अब अपनी करतूतों से बाज नहीं आने वाले चीन ने झील के उत्तर में फिंगर एरिया में निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। 7 सितंबर को दक्षिण तट पर झड़प के तुरंत बाद चीन की यह गतिविधि सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार शाम से पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों की संख्या बढ़ा दी गई है। वे अपने साथ अधिक साजो-सामान ला रहे हैं। दोनों ओर के सैनिकों के बीच काफी कम दूरी है।
सीमा के विवादित क्षेत्र में है झील
पैगोंग झील या पेंगोंग त्सो लद्दाख में भारत-चीन सीमा के विवादित क्षेत्र में स्थित है। यह 4350 मीटर की ऊंचाई पर है और 134 किलोमीटर लंबी लद्दाख से तिब्बत तक फैली हुई है। इस झील का 45 किलोमीटर क्षेत्र भारत में स्थित है, जबकि 90 किलोमीटर क्षेत्र चीन में पड़ता है।
लद्दाख में पैंगोंग झील का दक्षिणी हिस्सा अब पूरी तरह से भारत के कब्जे में है। यहां पर कई पहाड़ी चोटियों पर अब भारत का कब्जा हो चुका है। बता दें कि ये सभी इलाके 1962 की जंग में भारत से छिन गए थे।
पैगोंग के दक्षिण में ऊंची चोटियों पर भारतीय जवान
भारत के सैनिक अब पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर ऊंची चोटियों पर बैठे हैं, जबकि चीन की सेना निचले इलाकों में है। पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे की तुलना में दक्षिणी किनारे के आसपास की जमीन ज्यादा समतल और चौड़ी है और ये रास्ता लद्दाख और चुशूल घाटी तक भी भारतीय सेना की पहुंच को आसान बनाता है। यह रास्ता जिन पहाड़ों के बीच से होकर गुजरता है उनकी ऊंचाई 16 हजार फीट तक है और अब भारत के सैनिक इन पहाड़ों की ऊंचाई पर मौजूद हैं।
पैंगोंग झील के उत्तर में फिंगर एरिया
झील के उत्तर में फिंगर एरिया हैं- फिंगर 1 से लेकर फिंगर-8 तक। भारत मानता है कि फिंगर-8 तक उसका इलाका है। फिंगर- 4 की एरिया पहले से ही भारत के कंट्रोल में रही है, लेकिन मई में चीनी सैनिक फिंगर-4 तक आ गए और वहां से लेकर फिंगर-8 तक कई स्ट्रक्चर बना लिए। भारतीय सेना भी फिंगर-4 पर चीनी सैनिकों के (India-China Border Issue Latest News) आमने-सामने डटी है। दो दिन पहले तक गतिरोध का सबसे बड़ा प्वाइंट यह फिंगर एरिया ही था। कई राउंड की मिलिट्री और डिप्लोमैटिक स्तर की बातचीत के बाद चीनी सैनिक जुलाई के पहले हफ्ते में फिंगर-4 एरिया से पीछे तो हटे, लेकिन इसकी चोटी पर वह अब भी मौजूद हैं।