तेल टैंकर से हुए पर्यावरणीय नुकसान का पता लगाने के लिए समुद्र में रोबोट भेजेगा चीन
6 जनवरी की रात खाद्यान्न भरे जहाज से टकराने के बाद टैंकर में आग लग गई थी।
बीजिंग (एएफपी) पूर्वी चीन सागर में पिछले हफ्ते दुर्घटनाग्रस्त हुए ईरानी तेल टैंकर से हुए पर्यावरणीय नुकसान का आकलन करने के लिए चीन अधिकारी रोबोट भेजने की तैयारी कर रहे हैं। आपको बता दें कि चीन के तट से दूर ईरान के एक टैंकर में एक दूसरे पोत से टक्कर के बाद आग लग गई थी। करीब आठ दिन तक जलने के बाद ईरानी तेल टैंकर अंतत: पूर्वी चीन सागर में डूब गया।
सांची नाम के इस तेल टैंकर में 1,36,000 टन अति ज्वलनशील तेल था। 6 जनवरी की रात खाद्यान्न भरे जहाज से टकराने के बाद टैंकर में आग लग गई थी। टैंकर के चालक दल के सभी 32 सदस्यों के मारे जाने की आशंका है। इनमें से तीन के शव बरामद कर लिए गए हैं। इससे करीब दस मील लंबे इलाके में समुद्र की सतह पर तेल फैल गया था जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान की आशंका पैदा हो गई। तेल जलने में पैदा हुआ धुएं का गुबार अभी भी इलाके के आकाश में बना हुआ है।
चीन के सरकारी टेलीविजन के मुताबिक समुद्र में दस मील लंबाई में फैला तेल एक से चार मील तक चौड़ाई में है। इससे मछलियों, पक्षियों और अन्य जीवों के जीवन को खतरा पैदा हो गया है। रविवार को टैंकर डूबने के बाद उसमें भरा तेल फैलने की जानकारी सामने आई। चीनी अधिकारियों का कहना है कि तेजी से समुद्र में फैल रहे तेल को रोकने और इससे पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए वो लगातार प्रयासरत हैं और इसलिए रोबोट की तैनाती करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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