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कोरोना वैक्सीन को लेकर चीन का दावा- इस साल के अंत तक तैयार हो सकता है टीका

चीनी मीडिया ने जानकारी दी है कि चीन की सिनोफार्मा(sinopharma) कंपनी द्वारा विकसित कोरोना वैक्सीन इस साल के अंत तक आम लोगों के लिए तैयार हो सकती है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Thu, 23 Jul 2020 01:22 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 01:44 PM (IST)
कोरोना वैक्सीन को लेकर चीन का दावा- इस साल के अंत तक तैयार हो सकता है टीका
कोरोना वैक्सीन को लेकर चीन का दावा- इस साल के अंत तक तैयार हो सकता है टीका

बीजिंग, रायटर। दुनियाभर में कोरोना वैक्सीन विकसित करने को लेकर जारी जद्दोजहद के बीच चीन ने बड़ा दावा किया है। चीनी मीडिया ने बुधवार को सूचना दी कि चीन के राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल ग्रुप (सिनोफार्मा) द्वारा विकसित एक कोरोना वायरस वैक्सीन इस साल के अंत तक सार्वजनिक उपयोग के लिए तैयार हो सकती है। इससे पहले इस वैक्सीन के 2021 तक उपलब्ध होने का दावा किया गया था।

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सिनोपार्म के अध्यक्ष लियू जिंगजेन ने ब्रॉडकास्टर सीसीटीवी के माध्यम से जानकारी दी कि कंपनी उम्मीद करती है कि लगभग तीन महीने के भीतर वह कोरोना वैक्सीन के मानव ट्रायल के अंतिम फेज को पूरा कर लेगी। सिनोफर्म की एक यूनिट चाइना नेशनल बायोटेक ग्रुप (CNBG), जो दो कोरोना वैक्सीन परियोजनाओं के लिए जिम्मेदार है, उसने जून के महीने में कहा था कि वैक्सीन की जोड़ कम से कम 2021 तक तैयार नहीं हो सकती क्योंकि चीन में नए संक्रमणों की कमी के कारण लोगों पर इस वैकसीन का परीक्षण करना मुश्किल हो गया है।

लेकिन चीन ने तब से विदेशों में वैकल्पिक परीक्षण स्थलों को ढूंढ लिया है। चीन ने वैश्विक स्तर पर कुछ बाधाओं को पार करते हुए एक महामारी से लड़ने के लिए एक वैक्सीन का उत्पादन करने के लिए कमर कसी है, जो दुनिया भर में 6 लाख से अधिक लोगों की जान अब तक ले चुका है। सिनोफार्मा की कोरोना वैक्सीन का मानव ट्रायल फेज-3 में पहुंच चुका है। इसका मानव ट्रायल संयुक्त अरब अमीरात में 15 हजार लोगों पर चल रहा है। इसके अलावा एक और कोरोना वैक्सीन का मानव ट्रायल ब्राजील में चल रहा है। यहां मानव ट्रायल का तीसरा चरण शुरू हो चुका है।

इसके अलावा चीन की एक और कोरोना वैक्सीन का मानव ट्रायल तीसरे चरण में चल रहा है। यह वैक्सीन भी चीन से बाहर मानव ट्रायल के तीसरे चरण में है। कैन्सिनो बायोलॉजिक्स इंक और चीन की मिलिट्री रिसर्च यूनिट द्वारा विकसित यह वैक्सीन, अब तक की गई रिसर्च से देखे गए मध्य-चरण के अध्ययन में अधिकांश मामलों में सुरक्षित और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के लिए सही पाई गई है। 


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