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श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर मंगलवार को पहुंचेगा चीन का पोत, ड्रैगन के दबाव के आगे झुका पड़ोसी देश

चीन ने सोमवार को दावा किया कि श्रीलंका ने उसके पोत को हंबनटोटा बंदरगाह पर लंगर डालने की अनुमति दी है। हालांकि उसने यह नहीं बताया कि श्रीलंका से उसकी क्‍या बातचीत हुई है। पढ़ें यह रिपोर्ट ...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 15 Aug 2022 11:00 PM (IST)Updated: Mon, 15 Aug 2022 11:08 PM (IST)
श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर मंगलवार को पहुंचेगा चीन का पोत, ड्रैगन के दबाव के आगे झुका पड़ोसी देश
श्रीलंका ने चीन के हाईटेक पोत को हंबनटोटा बंदरगाह पर प्रवेश करने की अनुमति दी है।

बीजिंग, एजेंसी। चीन ने सोमवार को कहा कि श्रीलंका ने मंगलवार को हंबनटोटा बंदरगाह पर उसके युआन वांग-5 पोत को लंगर डालने की अनुमति दी है, लेकिन उसने कोलंबो के साथ वार्ता का विवरण बताने से इन्कार कर दिया। भारत द्वारा सुरक्षा आपत्ति दर्ज कराए जाने के बाद पहले द्वीप राष्ट्र ने चीन से उसके हाईटेक पोत का हंबनटोटा बंदरगाह पर प्रवेश टालने का आग्रह किया था लेकिन चीन के दबाव के बाद उसने अपना रुख पलटा और अनुमति प्रदान कर दी। अब यह पोत हंबनटोटा बंदरगाह पर लंगर डालेगा।

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समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि श्रीलंका ने अब उसके शोध पोत को हंबनटोटा में लंगर डालने की अनुमति दे दी है। यह पूछे जाने पर कि आखिर चीन और श्रीलंका में क्या बात हुई कि पोत के हंबनटोटा बंदरगाह पहुंचने को हरी झंडी दे दी गई, उन्होंने कहा कि चीन पूर्व में स्थिति साफ कर चुका है। हम संबंधित लोगों को अवगत करा चुके हैं।

उधर श्रीलंकाई बंदरगाह हंबनटोटा पर चीनी जासूसी पोत युआन वांग-5 के आने से एक दिन पहले सोमवार को भारत ने श्रीलंकाई नौसेना को डोर्नियर समुद्री सुरक्षा निगरानी विमान सौंप दिया। भारतीय दूत ने इस अवसर पर कहा कि भारत और श्रीलंका की सुरक्षा आपसी समझ, आपसी विश्वास और सहयोग से बढ़ी है। दो दिवसीय श्रीलंका दौरे पर पहुंचे भारतीय नौसेना के उपप्रमुख वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे ने कोलंबो में भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले के साथ श्रीलंका को यह विमान सौंपा।

बागले ने कहा कि डोर्नियर के सौंपने से भारत और श्रीलंका के संबंधों में और मजबूती आएगी। विमान को केवल 15 श्रीलंका वायु सेना के चालक दल द्वारा उड़ाया और मेंटेन किया जाएगा, जिन्हें विशेष रूप से चार महीने के लिए भारत में प्रशिक्षित किया गया है। यह विमान श्रीलंकाई बंदरगाह हंबनटोटा पर चीनी जासूसी पोत के विवाद के बीच सौंपा गया। 

इस अवसर पर श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे भी मौजूद रहे। उन्होंने भारत के इस सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय नौसेना के साथ श्रीलंका की नौसेना और वायुसेना का सहयोग बढ़ेगा। उन्होंने भारत के स्वतंत्रता दिवस का उल्लेख करते हुए कहा कि वे प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के आजादी के पहले भाषण से बहुत प्रभावित हैं। उनकी दिखाई राह पर चलकर भारत आज एक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है। 


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