ताइवान द्वारा चीनी सुखोई-35 एयरक्राफ्ट मार गिराए जाने वाली खबर को चीन ने बताया गलत
ताइवान द्वारा मार गिराए गए चीनी एयरक्राफ्ट के कुछ वीडियो सोशल मीडिया और इंटरनेट पर वायरल हो रहे हैं हालांकि चीन ने इसे पूरी तरह से गलत बताया है।
बीजिंग, एएनआइ। ताइवान ने अपनी हवाई सीमा में घुसपैठ करने वाले चीन के सुखोई एयरक्राफ्ट एसयू-35 को मार गिराया। क्रैश हुए एयरक्राफ्ट के कुछ वीडियो सोशल मीडिया और इंटरनेट पर वायरल हो रहे हैं। हालांकि, चीन के रक्षा मंत्रालय ने इस सूचना को पूरी तरह से गलत बताया है। चीनी वायु सेना की ओर से बताया गया कि सोशल मीडिया यूजर्स को भ्रमित करने के प्रयास में यह जानबूझकर गलत सूचनाओं को फैलाया जा रहा है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स ने यहां तक दावा किया कि हमले में ताइवान ने अमेरिकी पेट्रियाट मिसाइल डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल किया। खबरों में यह भी दावा किया गया कि ताइवान ने चीनी विमान को कई बार चेतावनी दी लेकिन उसके बाद चीनी विमान ताइवान के एयरस्पेस में बना रहा। इसके बाद ताइवान ने उसे मार गिराया। बताया गया कि इस घटना में पायलट घायल हो गया है।
न्यूज चैनल से लेकर सोशल मीडिया में खबर वायरल होने के बाद चीनी रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट कर बताया कि यह पूरी तरह से गलत है, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है।
ताइवान ने सैन्य शक्ति प्रदर्शन का शेयर किया था वीडियो
बता दें कि कुछ दिन पहले ही ताइवान रक्षा मंत्रालय ने एक वीडियो जारी कर अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया था। इस वीडियो में सैनिकों को विमान रोधी एंटी टैंकों और एंटी शिप मिसाइलों के साथ अपने द्वीप की रक्षा करते हुए उनके कौशल को दिखाया गया था। खास बात यह है कि ताइवान रक्षा मंत्रालय का यह वीडियो ऐसे समय आया, जब दक्षिण चीन सागर में चीन उसकी सुरक्षा को चुनौती दे रहा है। इस वीडियो के जरिए चीन को खबरदार किया गया था। वीडियो जारी करते हुए ताइवान रक्षा मंत्रालय ने चीन को चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि उसकी सैन्य क्षमता को कम करके नहीं आंकना चाहिए।
गौरतलब है कि अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव के बीच दक्षिण चीन सागर में बीजिंग ने अपना सैन्य अभियान तेज कर दिया है। चीनी सेना द्वारा देश के पूर्वी तट से सैन्य अभ्यास के दो सेट लॉन्च किए जाने के बाद यह तनाव और गहरा हो गया है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के हवाले से शंघाई स्थित सैन्य विशेषज्ञ नी लेक्सियनग ने कहा ताइवान को चीन में शामिल करने के लिए यह एक जरूरी कदम है। उन्होंने कहा कि समुद्रों में ड्रिलों का मकसद युद्ध कालीन हमले में चीनी सेना की रक्षा करना है। चीनी सेना का यह एक व्यावहारिक कदम है।