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ड्रैगन का दावा, WHO के साथ सक्रिय रूप से साझा कर रहा है COVID संबंधी जानकारी

जिनेवा में 30 जनवरी से 7 फरवरी के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक बैठक का आयोजन किया था। इस बैठक में चीनी प्रतिनिधिमंडल भी शामिल हुआ था। बैठक के दौरान ही चीन के प्रतिनिधिमंडल ने कोविड संबंधी जानकारी साझा करने का आश्वासन दिया था।

By AgencyEdited By: Amit SinghPublished: Wed, 08 Feb 2023 05:58 PM (IST)Updated: Wed, 08 Feb 2023 05:58 PM (IST)
ड्रैगन का दावा, WHO के साथ सक्रिय रूप से साझा कर रहा है COVID संबंधी जानकारी
चीन WHO के साथ सक्रिय रूप से साझा कर रहा है COVID संबंधी जानकारी

बीजिंग, रायटर: चीन ने एक बार फिर कोरोना संक्रमण को लेकर पारदर्शिता बनाए रखने का दावा किया है। बुधवार को देश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि उन्होंने हमेशा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ कोविड से संबंधित जानकारी साझा की है।

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चीन के लगातार खोखले दावे

जिनेवा में 30 जनवरी से 7 फरवरी के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक बैठक का आयोजन किया था। इस बैठक में चीनी प्रतिनिधिमंडल भी शामिल हुआ था। बैठक के दौरान ही चीन के प्रतिनिधिमंडल ने कोविड संबंधी जानकारी साझा करने का आश्वासन दिया था। गौरतलब है कि चीन की जीरो कोविड पॉलिसी (Zero Covid Policy) का प्रवासी श्रमिकों पर सबसे ज्यादा असर दिखाई दिया। वॉयस अगेंस्ट ऑटोक्रेसी की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने जीरो कोविड पॉलिसी को इस उम्मीद में हटाया कि इससे उनके नागरिकों को राहत मिलेगी, लेकिन यह फैसला प्रवासी श्रमिकों के लिए अच्छा साबित नहीं हुआ।

नौकरी की तलाश में जुटे श्रमिक

रिपोर्ट के मुताबिक, फेस्टिवल के दौरान श्रमिकों को अक्सर घरों की ओर लौटते देखा गया है। जिसकी वजह से कारखानों में श्रमिकों की कमी हो जाती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ और वो जल्द ही नौकरी की तलाश में जुट गए। कोरोना की वजह से इस साल काफी परिवर्तन दिख रहा है। प्रवासी श्रमिक उम्मीद से पहले नौकरी की तलाश में लौट आए और उन्हें अभी तक रोजगार का एक स्थायी साधन नहीं मिल पाया है। पिछले साल फॉक्सकॉन आपदा के बाद श्रमिकों के साथ अनुचित व्यवहार किया गया। उन्हें वेतन और बोनस के लिए परेशान किया गया। जिसकी वजह से बिना वेतन के श्रमिकों को काम करना पड़ा।

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