Move to Jagran APP

Coronavirus : क्‍या सीफूड मार्केट को बचाने में जुटा चीन! चीन की अर्थव्‍यवस्‍था में उसका एक बड़ा योगदान

चीन के हुबोई में काफी बड़ा सीफूड मार्केट है। चीन की अर्थव्‍यवस्‍था में उसका एक बड़ा योगदान है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 04 Feb 2020 03:16 PM (IST)Updated: Wed, 05 Feb 2020 09:10 AM (IST)
Coronavirus : क्‍या सीफूड मार्केट को बचाने में जुटा चीन! चीन की अर्थव्‍यवस्‍था में उसका एक बड़ा योगदान
Coronavirus : क्‍या सीफूड मार्केट को बचाने में जुटा चीन! चीन की अर्थव्‍यवस्‍था में उसका एक बड़ा योगदान

नई दिल्‍ली, जागरण स्‍पेशल। कई वेबसाइटों (INSIDE OVER और Nature) पर चीन रिपोर्ट के हवाले से खबरें चल रही हैं कि कोरोना वायरस सीफूड मार्केट के जरिए नहीं, बल्कि उसकी प्रयोगशाला के जरिए इंसान में पहुंचा है। यह शोध की खबरों को प्रमुखता से छापती है।  इन खबरों में कितनी सच्‍चाई है यह तो समय बताएगा, लेकिन यहां कुछ सवाल सहज रूप से खड़े होते हैं। पहला यह कि आखिर यह वायरस चीन की प्रयोगशाला में क्‍या कर रहा था। चीन के प्रयोगशाला में यह वायरस क्‍यों पहुंचा। अभी इस रहस्‍य से पर्दा उठना शेष है। लेकिन यहां एक सवाल यह खड़ा हो रहा है कि कहीं चीनी रिपोर्ट के पीछे चीन का सीफूड मार्केट तो नहीं। बता दें कि दुनिया में चीन के हुबोई में काफी बड़ा सीफूड मार्केट है। चीन की अर्थव्‍यवस्‍था में उसका एक बड़ा योगदान है। ऐसे में चीन की कोशिश होगी कि उसके इस बाजार पर कोरोना का कोई असर नहीं पड़े। 

loksabha election banner

बता देंं कि चीन के वुहान शहर में शुरू हुए कोरोना वायरस का संक्रमण पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है। कोरोना वायरस से चीन में अब तक 425 लोगों की जानें जा चुकी हैं। 20 हजार से अधिक लोग इसकी चपेट में हैं। कोरोना वायरस पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बन गया है। अब यह बीमारी महामारी का रूप अख्तियार कर चुकी है।

हुनान सीफूड मार्केट के निकट है प्रयोगशाला

कोराना वायरस का संक्रमण केंद्र कहे जा रहे हुनान सीफूड मार्केट के निकट है। इन वेबसाइटों में कहा गया है कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरललॉजी नेशनल बायोसेफ्टी लैब घातक वायरसों पर शोध करती है। वुहान नेशनल बायोसेफ्टी लेबोरेटरी हुनान सीफूड मार्केट से स‍िर्फ 32 किलोमीटर दूर है। यह लैब लेवल 4 सर्टिफाइड भी है। वायरस की उत्‍पत्ति को लेकर तमाम रिपोर्ट्स में सवाल उठाए जा रहे हैं, लेकिन, चीन सरकार पर अभी इसकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। 

कोराना वायरस का संक्रमण केंद्र कहे जा रहे हुनान सीफूड मार्केट के निकट है। वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी नेशनल बायोसेफ्टी लैब स्थित है, जो इबोला और अन्‍य घातक वायरसों पर शोध करती है। वुहान नेशनल बायोसेफ्टी लेबोरेटरी हुनान सीफूड मार्केट से स‍िर्फ 32 किलोमीटर दूर है। यह लैब लेवल 4 सर्टिफाइड भी है। वायरस की उत्‍पत्ति को लेकर तमाम रिपोर्ट्स में सवाल उठाए जा रहे हैं, लेकिन चीन की सरकार ने इस पर चुप्‍पी साध रखी है।  

2012 में जेद्दा के प्राइवेट अस्‍पताल में भर्ती हुआ था मरीज

हालांकि,  अभी तक इस बात के सबूत नहीं मिले हैं कि कोरोना वायरस की उत्‍पत्ति चीन के किसी गलत प्रयोग का नतीजा है या नहीं। ऑनलाइन पोर्टल ग्रेटगेमइंडिया की जांच में भी वायरस की उत्‍पत्ति को कनाडा और चीनी बायोलॉजिकल वारफेयर प्रोग्राम के दो एजेंट से जोड़कर देखा जा रहा है। इस रिपोर्ट के मुताबिक 13 जून 2012 को सऊदी के एक 60 वर्षीय शख्‍स को जेद्दा के प्राइवेट अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था। वह कई दिनों तक बुखार में था। उसे सांस लेने में दिक्‍कत थी। मिस्र के वायरोलॉजिस्‍ट डॉ अली मोहम्‍मद जैकी ने उसके फेफड़ों में अज्ञात कोरोना वायरस का पता लगाया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.