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मोदी के दौरे से पहले चीन खुश, कहा- भारत में हमारा कारोबार 532 अरब के पार

फेंग ने गुरुवार को कहा कि चीनी कंपनियों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश के लिए भारत एक अहम बाजार बनता जा रहा है।

By Manish NegiEdited By: Published: Thu, 26 Apr 2018 08:10 PM (IST)Updated: Fri, 27 Apr 2018 10:39 AM (IST)
मोदी के दौरे से पहले चीन खुश, कहा- भारत में हमारा कारोबार 532 अरब के पार
मोदी के दौरे से पहले चीन खुश, कहा- भारत में हमारा कारोबार 532 अरब के पार

बीजिंग, प्रेट्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वुहान दौरे से पहले चीन ने भारत में बढ़ते अपने निवेश को लेकर खुशी जताई है। उसने जानकारी दी है कि साल 2017 के अंत तक भारत में चीन का निवेश करीब 532 अरब रुपये (आठ अरब डॉलर) का आंकड़ा पार कर गया है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता गाओ फेंग ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उन्होंने भारत में बढ़ते निवेश को दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने वाला कदम बताया।

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फेंग ने गुरुवार को कहा कि चीनी कंपनियों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश के लिए भारत एक अहम बाजार बनता जा रहा है। चीन के लिए भारत निवेश की खातिर सबसे मुफीद साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि दोनों ही देश तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था हैं। चीन और भारत, दोनों का काफी बड़ा घरेलू बाजार है। फेंग ने कहा कि दोनों देशों की अर्थव्यवस्था दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए सबसे बेहतर माध्यम है।

फेंग ने आगे कहा कि इस साल की पहली तिमाही में दोनों देशों के बीच व्यापार 15.4 फीसद बढ़ा है। इस बढ़त के साथ दोनों देशों के बीच कारोबार 22.1 अरब डॉलर (करीब 1469.65 अरब रुपये) पर पहुंच गया है। हालांकि यह सिर्फ आधी ही तस्वीर है क्योंकि वित्तीय घाटा काफी ज्यादा है। इसके अलावा भारत का निर्यात सिर्फ 4.6 अरब डॉलर (करीब 305 अरब रुपये) का है।

पिछले साल भारत ने चीन से 68 अरब डॉलर (करीब 4522 अरब रुपये) का सामान आयात किया। इसमें साल-दर-साल 16.5 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। दोनों देशों के बीच दो तरफा व्यापार 2014 में 70 अरब डॉलर से बढ़कर पिछले साल 84.4 अरब डॉलर (करीब 5612 अरब रुपये) पर पहुंच गया। इस दौरान इसमें 20 फीसद की बढ़त देखने को मिली है।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय चीन दौरे पर गए हैं। इस दौरान वह चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ व्यापारिक असंतुलन और चीन में भारत के निर्यात को बढ़ावा देने को लेकर बात कर सकते हैं। वैसे दोनों नेताओं के बीच क्या और किन मुद्दों को लेकर बात होगी, इसका कोई एजेंडा तय नहीं है। हालांकि ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के साथ ही कई वैश्विक मुद्दों को लेकर बात करेंगे।


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