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चीन ने कोरोना पर जारी किया श्वेतपत्र-19 जनवरी को इंसानों से इंसानों में संक्रमण का पता चला

चीन ने श्वेतपत्र में कहा है कि पहली बार 27 दिसंबर को वायरल निमोनिया के तौर पर वायरस के बारे में पता चला था।

By Manish PandeyEdited By: Published: Sun, 07 Jun 2020 03:17 PM (IST)Updated: Sun, 07 Jun 2020 03:17 PM (IST)
चीन ने कोरोना पर जारी किया श्वेतपत्र-19 जनवरी को इंसानों से इंसानों में संक्रमण का पता चला
चीन ने कोरोना पर जारी किया श्वेतपत्र-19 जनवरी को इंसानों से इंसानों में संक्रमण का पता चला

बीजिंग, एजेंसियां। दुनिया में वायरस फैलाने के आरोपों से घिरे चीन ने रविवार को महामारी से जुड़ा एक श्वेतपत्र जारी किया। इसमें कहा गया है कि पहली बार 27 दिसंबर को वायरल निमोनिया के तौर पर वायरस के बारे में पता चला था। जबकि इंसानों से इंसानों में संक्रमण का पता 19 जनवरी को चला। इसके बाद इसे रोकने के लिए तत्परता से कदम उठाए गए। जो श्वेतपत्र जारी किया गया है उसमें पिछले साल वुहान में कोरोना के प्रकोप को लेकर बीजिंग द्वारा देरी से उठाए गए कदमों के आरोपों का खंडन करते हुए एक लंबा स्पष्टीकरण दिया गया है।

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श्वेतपत्र में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना, विशेषकर राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा महामारी को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की प्रशंसा की गई है। चीन ने यह श्वेतपत्र मीडिया में आई उन खबरों के बाद जारी किया है, जिसमें कहा गया था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भले ही चीन की प्रशंसा की हो, लेकिन वायरस के बारे में जानकारी देने में हीलाहवाली से संगठन के अधिकारी भी नाराज थे। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कई देशों के नेताओं ने चीन पर बीमारी के बारे पारदर्शिता नहीं बरतने का आरोप लगाया है।

वेट मार्केट से वायरस फैलने के सुबूत नहीं

श्वेत पत्र के अनुसार 27 दिसंबर को वुहान के एक अस्पताल में वायरस के बारे में पता चलने के बाद सरकार ने मरीजों की स्थिति का विश्लेषण करने के लिए विशेषज्ञों को बुलाया। जांच से यह पता चला कि ये सभी मरीज वायरल निमोनिया के थे। वहीं नेशनल हेल्थ कमीशन (एनएचसी) द्वारा गठित विशेषज्ञ टीम के शोधकर्ताओं ने कहा कि इस बात की पुष्टि 19 जनवरी को हुई कि वायरस का संक्रमण इंसानों के बीच हो रहा है। एनएचसी द्वारा वुहान में जनवरी के शुरू में भेजे गए विशेषज्ञों के समूह में शामिल चीन के श्वसन रोग विशेषज्ञ वांग गुआंगफा ने कहा कि जब विशेषज्ञ वुहान में उतरे तो वहां पर सिर्फ बुखार के रोगी थे। इतना ही नहीं हुनान के वेट मार्केट के वायरस फैलने का कोई सीधा संपर्क भी नहीं मिला। जबकि पहले यह माना जा रहा था कि यहां बिकने वाले चमगादड़ और पैंगोलिन से वायरस फैला।

समय पर दे दी थी अमेरिका को जानकारी

चीन ने कहा कि समयबद्ध तरीके से डब्ल्यूएचओ और अमेरिका सहित अन्य देशों को वायरस के बारे में जानकारी दी और वायरस के जीनोम अनुक्रम को जारी किया। वुहान में बड़ी संख्या में संक्रमण के मामले सामने आने के बाद और चीन के अन्य क्षेत्रों में भी इसी तरह के केस आने के बाद रोकथाम और नियंत्रण का एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम लांच किया गया। बता दें कि हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वायरस की उत्पत्ति की स्वतंत्र जांच के लिए सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है। चीन ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया।


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