कोरोना से जूझ रहे चीन की इस साल मंगल पर जाने की तैयारी, नाम रखा तियानवेन-1
चीन ने अपने मंगल मिशन के नाम का एलान कर दिया। मिशन मंगल तियानवेन-1 के नाम से इसको अगले साल लॉन्च करने की तैयारी चल रही हैं।
बीजिंग, प्रेट्र। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से जूझ रहे चीन ने शु्क्रवार (24 अप्रैल) को अपने 'अंतरिक्ष दिवस' के अवसर पर अपने मंगल मिशन का नाम 'तियानवेन-1' रखा। चीन की इसी साल के अंत में मंगल पर 'तियानवेन-1' को प्रक्षेपित करने की योजना है। चीन ने 1970 में इसी दिन अपना पहला उपग्रह दोंग फांग होंग-1 प्रक्षेपित किया था। इस साल चीन की इस उपलब्धि को 50 साल पूरे हो गए हैं।
भारत, अमेरिका, रूस और यूरोपीय संघ की तरह चीन भी अपने इस साल के मिशन से मंगल पर पहुंचने की कोशिश करेगा। चीनी राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (सीएनएसए) ने मंगल मिशन का नाम 'तियानवेन रखा जिसका अर्थ है स्वर्गीय प्रश्न या स्वर्ग से प्रश्न। यह चीन के जाने माने कवि कु युआन की लिखी एक कविता है।
कु क्वान ने 'तियानवेन' में अपनी कविता के माध्यम से आकाश, सितारों, प्राकृतिक घटनाओं, मिथकों एवं वास्तविक दुनिया को लेकर सवाल पूछे हैं जिनमें पारम्परिक उन्होंने अवधारणाओं और सत्य को पाने की भावना को लेकर अपना संशय भी व्यक्त किया है। सरकारी संवाद समिति 'शिन्हुआ ने बताया कि सीएनएसए ने कहा कि चीन के मंगल ग्रह अन्वेषण संबंधी सभी मिशनों को तियानवेन श्रृंखला के नाम से जाना जाएगा, जो सच का पता लगाने एवं विज्ञान संबंधी अन्वेषण करने और प्रकृति एवं ब्रह्मांड संबंधी खोज के प्रति चीन की दृढ़ता का प्रतीक हैं।
बता दें कि हाल के वर्षों में चीन अंतरिक्ष मिशन के साथ एक प्रमुख अंतरिक्ष शक्ति के रूप में उभरा है और चंद्रमा के अंधेरे पक्ष में एक रोवर को उतार रहा है। यह वर्तमान में अपने स्वयं के अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण कर रहा है। हालांकि, 2011 में एक रूसी अंतरिक्ष यान में यिंगहुओ -1 नामक मंगल ग्रह के लिए एक खोजपूर्ण जांच भेजने की चीन की कोशिश प्रक्षेपण के कुछ समय बाद ही विफल हो गया
भारत के अलावा अमेरिका, रूस, यूरोपीय संघ ने अब तक मंगल ग्रह पर मिशन भेजने में कामयाबी हासिल की और इसे सबसे जटिल अंतरिक्ष मिशन माना। भारत ऐसा पहला एशियाई देश बन गया है जिसने अपने मंगल यान मंगलयान को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है, जिसने 2014 में लाल ग्रह की कक्षा में प्रवेश किया है।भारत भी ऐसा पहला देश बना जिसने अपने पहले प्रयास में मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश किया।
पिछले साल चीन ने मंगल पर रोवर उतारने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयोग किया था। यह प्रयोग परीक्षण मैदान पर आयोजित किया गया था, जो अतिरिक्त-स्थलीय निकायों पर परीक्षण लैंडिंग के लिए एशिया में सबसे बड़ा था।